आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी में किसी भी तरह का कोई भी विवाद ना हो इसके लिए शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्ध ठाकरे ने पार्टी के नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। शिवसेना के भीतर चल रहे विवाद को उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया है।बताया जाता है कि एक नेता पर पार्टी के नाम पर पैसा उगाही करने और दूसरे पर निजी दुश्मनी के चलते वरिष्ठ पार्टी नेता की गुप्त जानकारी जुटाने का आरोप था।
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जगदीश शेट्टी और दीपक सावंत और दत्ता दलवी नाम के नेताओं को निलंबित करते हुए शिवसेना सुप्रीमो ने कहा कि शिव सैनिकों की कोई भी गलत हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे में उद्धव ठाकरे के इस कदम को पार्टी की बदनामी करने वाले तत्वों से बचाव के रूप में देखा जा रहा है।
विधायको से विभागप्रमुख का पद भी लेंगे वापस
महाराष्ट्र में आनेवाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए शिवसेना अब अपने उन विधायको से विभागप्रमुख का पद वापस लेगी जिनके पास विधायक और पार्टी विभाग प्रमुख पद दोनों है। दरअसल विधानसभा चुनाव में शिवसेना अपने मौजूदा विधायको पर किसी भी तरह का पार्टी का कोई भी कार्य नहीं देना चाहती है। पार्टी चाहती है की विधायको के सिर पर जिम्मेदारियों का बोझ थोड़ा कम किया जाए।