CAA के खिलाफ राज्य में कोई भी प्रस्ताव नहीं

CAA पर चल रहे देशभर में विरोध के बीच राज्य के मुखयमंत्री उद्धव ठाकरे( uddhav thackeray) ने साफ कहा की CAA के विरोध में उनकी सरकार नहीं है लेकिन NRC को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।  हालांकी इन सब के बीच एक सवाल यह भी बना हुआ था की क्या राज्य में पंजाब(punjab) , राजस्थान(rajshthan) , केरला और पश्चिम बंगाल की तरह CAA के विरोध में कोई प्रस्ताव लाया जाएगा। हालांकी अब स्थिती पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार(ajit pawar) ने सरकार का काफी रुख साफ कर दिया है। 

इस स्थिती को साफ करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा की   " सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाले केरल, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक ही पार्टी की सरकार है। महाराष्ट्र में ऐसा नहीं है, यहां तीन दलों (एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना) (congress, shivsena, NCP) के गठबंधन की सरकार है"

आपको बता दे की जब केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा में CAA को पेश किया था तो शिवसेना ने लोकसभा में इसका समर्थन किया था।   हालांकि जब नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पारित होकर राज्यसभा पहुंचा, तो शिवसेना ने सदन से वाक आउट किया था। हालांकी शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिये गए एक साक्षात्कार में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साफ कहा की राज्य में NRC को सरकार लागू नहीं करेगी।  

क्या है नागरिकता कानून?

नागरिकता कानून में पड़ोसी अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे प्रताड़ित हिन्दू, सिख, ईसाई और पारसी को नागरिकता देने का प्रावधान है। नागरिकता संशोधन कानून को संसद के दोनों सदनों में पास करा लिया गया है। राष्ट्रपति की भी मुहर लग चुकी है। उसके बाद से लगातार इसके खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।

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