आंबेडकर ने पीएम मोदी के लिए कहा, 'ऐसे स्वार्थी नेताओं की आवश्यकता देश को नहीं है'

वंचित बहुजन गठबंधन (VBA) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर (prakash ambedkar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश को ऐसे स्वार्थी नेता की जरूरत नहीं है, जो यह नहीं जानता कि कितने प्रवासियों की मौत लॉकडाउन (lockdown) के दौरान हुई और कितने डॉक्टरों की मौत कोरोना (Coronavirus) संकट से लड़ते हुए हुई।

प्रकाश आंबेडकर (prakash ambedkar) ने आगे कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) से देश की संसद में दो सवाल पूछे गए थे। लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी कामगारों (migrant workers) की मौत हुई? और कोरोना से लड़ते हुए कितने डॉक्टरों की मृत्यु हुई है? और इन्हीं डॉक्टरों के लिए मोदी जी ने ताली और थाली बजाने के लिए कहा था। सरकार ने इनमें से किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। इस संबंध में कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं है। हम ऐसे स्वार्थी नेता की निंदा करते हैं, देश को ऐसे नेता की जरूरत नहीं है।

आंबेडकर के मुताबिक, कोरोना (Covid-19) संकट के मद्देनजर संसद का वर्षा सत्र अभी शुरू हुआ है। लेकिन इस अधिवेशन में प्रश्नकाल को रद्द कर दिया गया है और लिखित प्रश्न पूछने और लिखित उत्तर प्राप्त करने के लिए काम चल रहा है। 

VBA के नेता ने आगे कहा, लॉकडाउन (lockdown) का सबसे बड़ा झटका देश भर के प्रवासी श्रमिकों पर पड़ा। रोजगार बंद होने के कारण उन्हें अपने गृहनगर लौटना पड़ा। लेकिन परिवहन की कमी के कारण, यात्रा के दौरान कई श्रमिकों की भी मृत्यु हो गई।

लोकसभा (loksabha) में विपक्ष ने पूछा कि, लॉकडाउन में बंद के दौरान कितने प्रवासी श्रमिकों की मृत्यु हुई?  68 दिनों के लॉकडाउन में कितने लोगों की मौत हुई, लेकिन इस बारे में सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है। इस सवाल पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने आश्चर्यजनक जवाब देेतेे हुए कहा कि, श्रम मंत्रालय के पास इस मुद्दे पर कोई डेटा नहीं है। इसलिए, पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने का कोई सवाल ही नहीं है।

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