कश्मीरी पंडितों के लिए जो भी संभव होगा हम करेंगे- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

कश्मीर घाटी में पिछले कुछ दिनों से कश्मीरी पंडितों ( (KASHMIRI PANDIT) और हिंदुओं की 'टारगेट किलिंग' चल रही है।  'टारगेट किलिंग'   दौरान कई कश्मीरी पंडित मारे गए।  सैकड़ों भयभीत कश्मीरी पंडित पलायन करने लगे हैं। पूरे देश में आक्रोश है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे  (Uddhav Thackeray)  घाटी के हालात पर गंभीर चिंता व्यक्त की। 

'इस कठिन समय में महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा महाराष्ट्र'

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने  कहा कि "कश्मीरी पंडित सचमुच कश्मीर घाटी में भाग रहे है, उन्हें घर लौटने का सपना दिखाया गया था, लेकिन घर लौटने पर पंडितों को घर से उठाकर मार डाला जा रहा है, इस भीषण स्थिति में बड़ी संख्या में पंडित वहां से भागने लगे जो स्तब्ध करने के साथ-साथ विचलित करने वाली घटना है,  इस समय, शिवसेना पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में, मैं  यह वादा करता हूं कि इस कठिन समय में महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा"

'कश्मीरी पंडितों के नेताओं से भी बातचीत जारी'

इसके साथ ही उन्होने कहा की " 1995 में जब महाराष्ट्र में शिवशाही की सरकार बनी तो शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र में कश्मीरी पंडितों के बच्चों को विशेष मामले के तौर पर शिक्षा में आरक्षण दिया था, शिवसेना प्रमुख ने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए लगातार आवाज उठाई है, महाराष्ट्र ने हमेशा कश्मीरी पंडितों के साथ एक संवेदनशील संबंध बनाए रखा है, हम इसे अपना कर्तव्य समझते हैं और इसे कर्तव्य की भावना से देखते हैं,  फिलहाल हम घाटी में स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं,  कश्मीरी पंडितों के नेताओं से भी बातचीत चल रही है, मैं दोहराता हूं, हम कश्मीरी पंडितों के लिए हर संभव कोशिश करेंगे,  महाराष्ट्र अपना फर्ज निभाएगा"

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