निर्माण कार्यों पर 12 फीसदी जीएसटी होने से इसका भार बिल्डरों सहित ग्रहकों पर भी पड़ता था। इसीलिए बिल्डरों द्वारा जीएसटी को कम करने की मांग कई दिनों से की जा रही थी। इस मांग को लेकर सरकार ने बिल्डरों की सुन ली है। अब नए नियम के अनुसार जो बिल्डर पीएम आवास योजना के अंतर्गत गरीबो के लिए (अत्यल्प-अल्प) घर बनाएंगे उन्हें जीएसटी में छूट दी जाएगी। को-ऑपरेटिव रेजिडेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष एकवोकेट विनोद सम्पत ने जानकारी देते हुए मुंबई लाइव को बताया कि बिल्डरों को पीएम आवास योजना में 12 फीसदी की जगह अब 8 फीसदी जीएसटी ही देना पड़ेगा।
दिल्ली में हुई जीएसटी परिषद् की बैठक में निर्णय लिया गया कि अब 'पीएमवाई' के अंतर्गत निर्माण होने वाले घरों के लिए 8 फीसदी ही जीएसटी लगेगा। यह नया नियम 25 जनवरी से देश भर में लागू हो जायेगा। सरकार के इस निर्णय से बिल्डर संगठनों ने स्वागत किया है।
गौरतलब है कि निर्माण कार्यों में 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया था। लेकिन बिल्डरों के काफी विरोध के चलते इसे 18 से घटा कर 12 फीसदी कर दिया गया, लेकिन अब सरकार ने बिल्डरों को पीएम आवास योजना के तहत छूट देते हुए अब घरों के निर्माण के लिए मात्र 4 फीसदी ही जीएसटी लगाने का निर्णय लिया है।
इस निर्णय के अनुसार पीएम आवास योजना में 60 स्क्वायर मीटर तक के बनने वाले घरों के लिए बिल्डरों को जीएसटी में छूट मिलेगी। जबकि कुल एफएसआई में 50 प्रतिशत एफएसआई किफायती आवास के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस समूह के अंतर्गत आने वाले घरों के लिए ही 8 फीसदी जीएसटी लागू होंगे।
आपको बता दें कि झोपडपट्टी पुनर्विकास प्राधिकरण (एसआरए) और शिवशाही पुनर्विकास प्रकल्प (एसपीपीएल) के तहत आने वाले सैकड़ों घरों को जीएसटी के इस नए नियम के तहत छूट मिलेगी जिससे बिल्डरों के साथ साथ ग्राहकों को भी इसका फायदा होगा।