सहकारी संस्थाओं पर सरकार की शनि दृष्टि

मुंबई – मुंबई सहित राज्य के हजारों सहकारी संस्थाओं के अस्तित्व पर तलवार लटक गयी है। सहकारिता विभाग के कमिश्नर चन्द्रकान्त दलवी ने मुंबई लाइव से बात करते हुए बताया कि अब ऐसे सहकारी संस्थाओं को बंद करने का निर्णय लिया है जिनका ऑडिट नहीं हुआ है और जो कामकाज नहीं कर रही हैं और जो बंद हैं अथवा बोगस हैं। इन संस्थाओं को महीने भर के अंदर ही बंद करने का नोटिस दिया जायेगा। सरकार के इस निर्णय से सहकारी संस्थाओं में चिंता फ़ैल गयी है।

सहकारिता विभाग ने 2015-16 में सहकारी संस्थाओं का सर्वेक्षण किया था जिसमें कई संस्थाओं ने अपना ऑडिट नहीं करवाया था और कई संस्थाएं केवल कागजों पर चल रही थी, कई तो नकली थी। यही नहीं कई संस्थाओं के खिलाफ सरकार को कई बार शिकायत भी मिली। इसके बाद विभाग की तरफ से कार्रवाई के तौर पर कई संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया था। सरकार की तरफ से कड़ाई देखते हुए कई संस्थाओं ने काम करना शुरू कर दिया था। लेकिन कई संस्थाओं ने फिर भी लापरवाही बरती। अब ऐसी संस्थाओं की मान्यता रद्द की जायेगी। लेकिन सरकार के इस निर्णय से सहकारी संस्थाओं में नाराजगी फ़ैल गयी है। इस संबंध में महाराष्ट्र सोसायटीज वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश प्रभू ने सरकार से इस बाबत राहत देने की मांग की है।

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