बुलेट ट्रेन परियोजना- दो बिल्डरों ने मार्ग को बदलने की याचिका दायर की

नरेंद्र मोदी सरकार की महत्तवकांक्षी  बुलेट ट्रेन परियोजना को देखते हुे वसई स्थित दो बिल्डरो ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।   बिल्डरों नेका कहना है की   1.1 लाख करोड़ की मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए उनकी भूमि के कुछ हिस्सों की आवश्यकता है लेकिन उनके प्रोजेक्टस के   निर्माण का 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है और लगभग 50 फ्लैट बेचे जा चुके हैं

वसई के दो बिल्डरों ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है और मार्ग के अलाइनमेंट में बदलाव की मांग की है। बिल्डरो का कहना है की इससे वसई में उनकी 13 मंजिला आवासीय टॉवर परियोजना प्रभावित होगी। याचिकाकर्ता, कलश देवकॉन एलएलपी और चेतना लैंड डेवलपर  इस आवासीय परियोजना में भागीदार है।   उन्होने बुलेट ट्रेन के रुट में बदलाव की मांग की है।  

 मार्च 2018 में, याचिकाकर्ताओं ने एक स्थानीय समाचार पत्र में एक विज्ञापन पढ़ा था कि ठाणे के कलेक्टर बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए बातचीत करके निजी भूमि का अधिग्रहण करने की योजना बना रहे थे। सार्वजनिक नोटिस में लगभग 9,450 वर्ग मीटर की भूमि का भी उल्लेख किया गया था जो इस निर्माण का भी क्षेत्र है।  याचिकाकर्ताओं ने अदालत से कहा है कि अगर आवासीय टॉवर का एक हिस्सा ध्वस्त हो जाता है, तो पूरी आवासीय इमारत ढह जाएगी।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्हें अप्रैल 2018 में एनएचएसआरसीएल के सहायक परियोजना प्रबंधक से एक ईमेल मिला था जिसमें बताया गया था कि उनकी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है और संयुक्त माप सर्वेक्षण किए जाने के बाद ही इसके बारे में जानकारी उपलब्ध होगा। 

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