सेंटल रेलवे के मोटरमैन्स ने की ओवर टाइम नहीं करने की घोषणा

रविवार से मध्य रेलवे के मोटरमैन यूनियन ने आन्दोलन करने का निर्णय लिया है। मोटरमैन यूनियन का कहना है कि तय सीमा से अधिक काम करने के बाद भी उन्हें उनके साथ उचित तरीके से व्यवहार नहीं किया जा रहा है। यही नहीं इनका यह भी कहना है कि सिंगल तोड़ने पर इन्हें नौकरी से निकलाने की भी धमकी दी जाती है। इसीलिए इन्होने यह निर्णय लिया है कि अब वे तय सीमा तक ही नौकरी करेंगे, ओवर टाइम नहीं करेंगे।

दबाव के कारण टूटता है सिग्नल

मोटरमैन्स के अनुसार  रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी डीसी सुमन उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं। वे आगे कहते हैं कि सेन्ट्रल रेलवे में हर 4 मिनट में एक लोकल छूटती है, इसका मतलब है कि दिन भर में कुल  ट्रेने 1600 चक्कर लगाती हैं। इससे मोटरमैन बेहद तनाव में काम करता है जिससे सिंगल टूट जाता है। यही सिंगल टूटने पर अधिकारीयों द्वारा मोटरमैनों को नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।

230 स्थान है रिक्त

मोटरमैन यूनियन का आरोप है कि मध्य रेलवे के 800 मोटरमैन सहित 230 मोटरमैन की जगज खाली है इसीलिए इन्ही मोटरमैनो से ही अतिरिक्त समय में भी काम करवाया जाता है।

मोटरमैन्स आगे कहते हैं कि अब तक 13 से 15 मोटरमैनों को डीसी सुमन की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। इसीलिए इस आन्दोलन को सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ, सेंट्रल रेलवे मोटरमैन एसोसिएशन, आल इंडिया ओबीसी, आल इंडिया एससी, एसटी ने भी अपना समर्थन दिया है।

600 से 700 फेरी होंगे रद्द?

रविवार से मोटरमैन अधिक काम नहीं करेंगे। इसीलिए 600 से 700 फेरी रद्द होने की संभावना जताई जा रही है। रेलवे सगठन का कहना है कि आशंका जताई जा रही है कि भीड़ बढ़ने से एलिफिंस्टन वाली घटना फिर से घट सकती है। अगर इस तरह की कोई घटना होती है तो इसका जिम्मेदार मोटरमन संघटन नहीं बल्कि रेलवे होगा। यह आंदोलन  रेल कामगार सेना के अध्यक्ष और सांसद आनंदराव अडसूल के नेतृव में होगा।

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