मुंबई में क्यों होता है ट्रैफिक जाम, कारण आया सामने

मुंबई जैसे शहर में ट्रैफिक जाम होना एक बड़ी समस्या है। सड़कों पर लगातार वाहनों की संख्या बढ़ रही है। इस बारे में कोई कानून भी नहीं बना है। वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। वाहनों की संख्या में जिस तरह से वृद्धि हो रही है वह इससे संबंधित आंकड़ा काफी चौकानें वाला है। 

इस बारे में जारी आंकड़ें के अनुसार मुंबई में पुछले 10 साल में वाहनों की संख्या में 109 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। आंकड़ा काफी चौकानें वाला है। यह आंकड़ा साल 2009 से लेकर साल 2019 तक का है। इससे भी हैरान करने वाली बात यह है कि इस दौरान रास्तों की लंबाई उतनी ही है जितनी थी यानी 2 हजार किलोमीटर। इसका मतलब नई सड़कों का निर्माण नहीं हो रहा है, जबकि वाहनों की संख्या में बेहताशा रुप से वृद्धि हो रही है।

इस समस्या से मुंबईकर केवल ट्रैफिक जाम से ही नहीं जुझ रहे हैं बल्कि पार्किंग समस्या, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं से भी दो चार हो रहे हैं। यही नहीं आने वाले समय में इन समस्याओं से छुटकारा मिलेगा, इसके भी कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं।

जारी आंकड़ों के अनुसार मुंबई की सड़कों पर इस समय 22 लाख दुपहिया वाहन दौड़ रहे हैं। अगर औसत आंकड़ा निकाला जाए तो एक किलोमीटर में 1100 दुपहिया वाहन दौड़ रहे हैं। अगर चार पहिया वाहनों की बात की जाए तो इनकी संख्या कुल 10.6 लाख है।

जबकि साल 2010 तक चार पहिया वाहनों की कुल संख्या 5.1 लाख दर्ज थी। यानि इन दस सालों में वाहनों की संख्या में दुगुने दर से वृद्धि हुई है।

इस रिपोर्ट में  वाहनों की बढ़ती संख्या का कारण वाहन बाजार में लगातार बढ़ रही प्रतिस्पर्धा है जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलता है, साथ ही वाहनों पर आसानी से मिलने वाला लोन, अब तो जीरो फीसदी ब्याज पर भी वाहन उपलब्ध हैं, साथ ही 25 से 30 साल के युवकों की बढ़ती क्रय शक्ति को भी इसका कारण बताया गया है।

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