कोरोना का डर या लॉकडाउन का असर, एसी लोकल ट्रेन की सवारी आश्चर्यजनक रूप से घटी

अभी हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि, ठंडी के मौसम (winter season) में कोरोना (Covid-19) का प्रसार काफी अधिक हो सकता है। ठंडी में कोरोना वायरस (Coronvirus) के फैलने का डर लोगों में इस कदर बैठ गया है, कि लोग डर के मारे एसी लोकल (ac local train) में नहीं बैठ रहे हैं।

एसी लोकल सेवा के शुरू होने के पहले दिन यानी 15 अक्टूबर को 8 टिकट बिके और एक यात्री ने 6 महीने का पास खरीदा। जबकि 16 अक्टूबर को एक टिकट और 12 पास बिके। इसके बाद 17 अक्टूबर को भी बहुत कम प्रतिक्रिया मिली। पश्चिम रेलवे ने बताया कि 18 अक्टूबर को भी मात्र 2 टिकट और 11 पास की बिक्री हुई।  इस प्रकार कुल 11 टिकट और 29 पास ही बेचे गए, जो ऊंट के मुंह में जीरा समान भी नहीं है।

अब एसी लोकल का गणित समझते हैं। हालांकि 15 अक्टूबर को एसी लोकल में 300 से अधिक यात्रियों ने यात्रा की थी।  लेकिन रेलवे इन आंकड़ों को अलग तरीके से प्रस्तुत करता है। जैसे, एक पास धारक यदि एक महीने में 50 बार यात्रा करता है तो रेलवे यह मानता है कि 50 यात्रियों ने यात्रा किया है।  यदि 15 अक्टूबर को मात्र 6 पास जारी किए जाते हैं, तो गणना यह होगी कि तब से एक महीने में हर दिन कुल 300 यात्री यात्रा करेंगे।

पश्चिम रेलवे (western railway) प्रशासन ने आवश्यक सेवा कर्मियों के लिए सामान्य लोकल सेवा (local train service) शुरू करने के बाद, पिछले 6 महीने से बंद पड़ी एसी लोकल ट्रेन को पश्चिम रेलवे ने 15 अक्टूबर से शुरू किया है। लेकिन यात्री इस एसी लोकल में कम बैठ रहे हैं। पश्चिम रेलवे में चलने वाली एसी लोकल को शुरू हुए 3 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक केवल 11 टिकट और 29 पास ही बिके हैं। अब इसके पीछे की वजह चाहे जो हो, लेकिन बताया जा रहा है कि इसका कारण कोरोना वायरस भी हो सकता है।

आपको बता दें कि, कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए, सरकारी और निजी एसी वाहनों में एसी को बंद रखने या कम तापमान में शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सभी सरकारी और प्राइवेट कंपनी, कारखानों सहित सभी कार्यालयों को भी इस आदेश का पालन करने को कहा गया है।

अगली खबर
अन्य न्यूज़