मार्च 2019 तक राजधानी और शताब्दी में लगेंगे एसओएस सिस्टम

भारतीय रेलवे और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रेल में सुरक्षा बढा़ने की दृष्टी से राजधानी और शताब्दी में एसओएस सिस्टम लगाने का फैसला किया है। यात्री प्रीमियम ट्रेनों की आवाजाही के लिए और आपात स्थिति के दौरान संकट के संकेत भेजने के लिए प्रेरित करने में सक्षम होंगे।

सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) और ISRO के साथ मिलकर राजधानी में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) और SOS सिस्टम लगाने की योजना बना रहा है, जो राजधानी और शताब्दी सहित प्रीमियम ट्रेनों से शुरू होगा। मार्च 2019 तक,ट्रेनो में इसे लगाया जाएगा।

रियल-टाइम इन्फॉर्मेशन सिस्टम (RTIS) प्रोजेक्ट के तहत, राष्ट्रीय ट्रेन पूछताछ प्रणाली (NTES) और संबंधित मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से चलती ट्रेन को ट्रैक कर सकेंगे। इस प्रणाली की मदद से मोटरमैन किसी भी आपदा के समय संदेश भेज सकता है।

पहले चरण में, सिस्टम को प्रीमियम आउटस्टेशन ट्रेनों में लगाया जाएगा। इसके साथ ही , दूसरे चरण में सभी सुपरफास्ट आउटस्टेशन ट्रेनों में इसे लगाया जाएगा। रेलवे बोर्ड के अनुसार, सिस्टम 2,835 लोकोमोटिव में स्थापित किया जाएगा।

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