150 साल पहले आज के दिन दौड़ी थी पश्चिम लाइन पर ट्रेन

आज ही के दिन 1867 में रेलवे इतिहास में पश्चिम लाइन में पहली बार रेलवे सेवा की शुरुआत की गई। आज पश्चिम रेलवे ने अपने 150 साल पूरे कर लिए है। 12 अप्रैल के दिन ही पश्चिम लाइन पर पहली बार रेल चलाई गई थी। पश्चिम लोकल उस समय बंबई बड़ौदा और मध्य भारतीय (बी बी और सीआई) रेलवे कंपनी का एक उपक्रम था।


विरार से पहली रेल सुबह 6.45 बजे रवाना की गई। शुरुआती तौर पर यह सिर्फ सिंगल राउंड के लिए ही थी। जिन स्टेशनों पर इस लोकल को रुकना था, वह थे नील(नालासोपारा), बैसिन(वसई), पांजो(वसई क्रिक के बीच में), बेरेवला (बोरीवली), पहाड़ी(गोरेगांव), अंदारु(अंधेरी),सांताक्पुज, बंदोरा(बांद्रा) माहिम, दादुरे(दादर) और ग्रांट रोड।

उस समय ट्रैन में तीन श्रेणियां हुआ करती थी। आम तौर पर सामान्य जनता दूसरी श्रेणी से सफर करती थी। जिसका किराया 7 पाई होता था। तो वहीं तीसरी श्रेणी का किराया 3 पाई होता था। द्वितीय श्रेणी में महिलाओं के लिए एक विशेष कोच होता था , उसके अलावा धूम्रपान के लिए भी एक अलग क्षेत्र होता था।1

867 में लोकल रेलवे को इन सभी स्टेशनों की दूरी तय करने में मौजूदा समय से भी कम समय लगता था क्योंकी तब स्टेशनों की संख्या इतनी ज्यादा नहीं थी। इस ट्रेन के आगे पहली बार लोकल शब्द जोड़ा गया। समय बदलने के साथ साथ रेलवे ने भी अपने आप को बदला और अब रेलवे धीरे-धीरे डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रही है।

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