कोरोना वायरस - लॉक डाउन से देश को करीब 7.5 लाख करोड़ का नुकसान

कोरोनावायरस के कारण जहां एक ओर देश में लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था भी लगातार चरमराती जा रही है।  कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में पहले से ही 21 दिन का लॉक डाउन सुरू है हालांकि अब कई और राज्यों ने भी इस लोक डाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है । लॉक डाउन होने के कारण देश में व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद है उत्पादन पूरी तरह से ठप हो चुका है जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था को भी काफी बड़ा धक्का लगा है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि मंगलवार यानी आज 14 अप्रैल को खत्म हो रही है।  दुनिया के इस सबसे बड़े लॉकडाउन से देश की इकोनॉमी को 7-8 लाख करोड़ रुपये का झटका लगने का अनुमान है। 25 मार्च से प्रभावी इस लॉकडाउन की वजह से भारत की 70 फीसद आर्थिक गतिविधियां थम गई हैं। 

 सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च ने कहा है कि भारत में महामारी ऐसे समय में आई है, जब देश की अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत नजर आ रहे थे। इस कोरोना की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में देश में एक बार फिर धीमी विकास दर की आशंका पैदा हो गई है। 

Acuite Ratings & Research Ltd ने इससे पहले अनुमान जताया था कि लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा। इस तरह देखा जाए तो 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन की अवधि में जीडीपी को करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा।  

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