20 हजार किसान कर रहे नासिक से मुंबई की ओर कूच

हजारों की संख्या में किसान महाराष्ट्र से पैदल मुंबई की ओर आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक इनकी संख्या करीब दस हजार बताई जा रही है।  उनमें से ज्यादातर नासिक जिले के आदिवासी इलाके से हैं। इन किसानों ने पिछले सोमवार को 'लॉन्ग मार्च' शुरू किया था। इस पदयात्रा का मकसद सरकार को किसानों के साथ-साथ अन्य लोगों की समस्याओं से भी अवगत कराना है।

इतनी बड़ी संख्या में अपनी मांगों को लेकर निकले किसानों की इस यात्रा से शिंदे सरकार की टेंशन बढ़ सकती है। दरअसल, महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है,  किसान चाहते हैं कि सरकार इस नुकसान की भरपाई के लिए उचित सहायता प्रदान करे। यात्रा में भाग लेने वाले सभी किसान अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले नासिक में एकत्रित हुए। 2018 के बाद नासिक में यह तीसरा आंदोलन है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को आयोजकों को मंत्रालय में चर्चा के लिए बुलाया। हालांकि, इसे दरकिनार कर किसानों ने म्हसरुल से मुंबई के लिए लंबी पैदल यात्रा शुरू की।  अखिल भारतीय किसान सभा की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव अजीत नवले ने आरोप लगाया कि सरकार का किसानों को राहत देने का कोई इरादा नहीं है।
किसान  20 मार्च तक मुंबई पहुंच जाएंगे। सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डीएल कराड ने कहा, 'किसानों को बिजली नहीं मिल रही है,  वन अधिकार अधिनियम (FRA) का कार्यान्वयन वस्तुतः न के बराबर है। सरकार को आदिवासी मुद्दों की याद दिलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम को पारित हुए 18 साल हो गए हैं।

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