पुणे (Pune) भौगोलिक क्षेत्र के मामले में मुंबई (Mumbai) से आगे निकल गया है, पुणे अब आधिकारिक तौर पर राज्य का सबसे बड़ा भौगोलिक क्षेत्र वाला शहर है। 23 गांवों को पुणे नगर निगम की सीमाओं में शामिल किया गया है। बुधवार को राज्य सरकार ने विस्तारण को लेकर अध्यादेश जारी किया। फलस्वरूप पुणे नगर निगम के पास के गाँवों को शामिल करने की प्रक्रिया, जो 1997 में शुरू हुई थी, आखिरकार 24 साल बाद पूरी हुई।
पुणे नगर निगम में 23 गांवों को शामिल करने की अधिसूचना राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग ने जनवरी में जारी की थी। उसके बाद गांवों को शामिल करने के संबंध में आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक माह का समय दिया गया। आपत्तियों पर संभागीय आयुक्त कार्यालय में सुनवाई हुई। संभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई है। इस रिपोर्ट को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में 23 गांवों को तत्काल पुणे नगर निगम में शामिल करने का निर्णय लिया गया।
इसी के तहत इस संबंध में अध्यादेश जारी किया गया है। इस विस्तार के बाद पुणे शहर का भौगोलिक क्षेत्रफल बढ़कर 516.16 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इसकी तुलना में मुंबई का भौगोलिक क्षेत्रफल केवल 440 वर्ग किलोमीटर है। नई सीमा के कारण पुणे अब देश का सातवां सबसे बड़ा शहर बन गया है।
गौरतलब है कि पुणे नगर निगम का वर्ष 2021-22 का बजट 8,370 करोड़ है। मुंबई नगर निगम का बजट 39,038 करोड़ रुपये है। एनएमसी ने राज्य सरकार से 9,000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता की मांग की है ताकि एनएमसी में शामिल पूर्व के 11 व 23 गांव विकास से वंचित न रहें.
निम्नलिखित गांवों को अब पुणे शहर में शामिल किया गया है- महालुंगे, सूस, बावधन बुद्रुक, किरकिटवाड़ी, पिसोली, कोंधवे-धवाडे, कोपारे, नांदेड़, खडकवासला, मंजरी बुद्रुक, नरहे, होल्करवाड़ी, औटाडे-हंदवाड़ी, वडाची वाडी, शेवालेवाड़ी, नंदोशी, मंगदेवाड़ी, , भीलारेवाड़ी, गुजर निंबालकरवाड़ी, जंभूलवाड़ी, कोलेवाड़ी, वाघोली।
उक्त सभी ग्रामों का समस्त राजस्व क्षेत्र पुणे नगर निगम की सीमा में सम्मिलित होगा।
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