रेलवे स्टेशनों पर LED-LCD स्क्रीन के माध्यम से जागरूकता

राज्य सरकार ने साइबर धोखाधड़ी के अपराधों को रोकने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की है। इसमें विशेष रूप से रेलवे स्टेशनों पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। रेलवे स्टेशनों पर LED-LCD स्क्रीन पर साइबर धोखाधड़ी को कैसे रोका जा सकता है, इस पर एक वीडियो दिखाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार 2 करोड़ 60 लाख 56 हजार 102 रुपये खर्च करेगी।(Awareness through LED-LCD screens at railway stations)

हर थाने में साइबर सेल शुरू 

सोशल मीडिया और ऑनलाइन लेन-देन के बढ़ते उपयोग के कारण, साइबर धोखाधड़ी के प्रकार बढ़ गए हैं। राज्य में बढ़ते साइबर धोखाधड़ी के प्रकारों को रोकने के लिए हर थाने में साइबर सेल शुरू किए गए हैं।महाराष्ट्र में 24 घंटे कार्यरत 'कमांड एंड कंट्रोल सेंटर', 'साइबर हेल्पलाइन' और 'मोबाइल ऐप' हैं। साथ ही, 'टेक्नोलॉजी असिस्टेंट इन्वेस्टिगेशन यूनिट' और 'एआई आधारित डिटेक्शन' प्रणाली भी कार्यरत है।

लोगो के बीच में पैदा की जाएगी जागरूकता

अभी भी लोगों में जागरूकता की कमी है। अब साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा की जाएगी। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने के लिए, रेलवे स्टेशनों पर एलईडी और एलसीडी स्क्रीन के माध्यम से जागरूकता पैदा की जाएगी। इसके लिए सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय द्वारा तैयार की गई जागरूकता योजना को सामान्य प्रशासन विभाग ने मंजूरी दे दी है।

1930 और 1945 दोनों नंबर चालू

साइबर अपराध विभाग की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए अब 1930 और 1945 दोनों नंबर चालू हैं। हेल्पलाइन नंबर 1930 साइबर वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित शिकायत दर्ज करने के लिए है। इसके अलावा, हेल्पलाइन नंबर 1945 वित्तीय धोखाधड़ी के अलावा ई-एफआईआर और कानूनी कार्यवाही के लिए भी है।

साइबर सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस नंबर पर आने वाली कॉल्स के बाद नागरिकों को संतोषजनक सेवाएँ मिल रही हैं और उन पर प्रभावी जाँच और कार्रवाई भी हो रही है।

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