पूण्य और पानी मिलेगा दोनों, BMC कर रही है उपाय

बीएमसी द्वारा लिए गये एक निर्णय के मुताबिक जल्द ही मुंबई की हर हाउसिंग सोसायटी के पास ग्राउंड रिचार्ज पिट यानी पानी को जमा करने वाला गड्ढा अनिवार्य होगा। इस पिट के होने से पानी के स्तर को अवशोषित करने और भूजल स्तर को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी। इस बाबत बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा 29 अगस्त को प्रस्ताव लाकर इस पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि इस प्रस्ताव को कोलाबा के बीजेपी के कॉर्पोरेटर एडवोकेट मकरंद नार्वेकर द्वारा तैयार किया गया है।

शहर में अभी भी ऐसी कई हाउसिंग सोसाइटी हैं जो अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वैकल्पिक स्रोत के रूप में भूजल का उपयोग करती हैं, इसे देखते हुए भूजल पुनर्भरण गड्ढे यानि पिट का होना एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

इस बारे में नार्वेकर कहते हैं कि, भूजल पुनर्भरण गड्ढे से मुंबई के भूजल स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी। वे आगे कहते हैं कि, "भूजल स्तर तेजी से घट रहा है। शहर के कई हाउसिंग सोसाइटी टैंकरों पर निर्भर हैं और ये टैंकर जमीन के अंदर से पानी बाहर निकल रहे हैं। लेकिन यह पानी बाहर ही निकला जा रहा है फिर से अंदर नहीं डाला जा रहा है। इसीलिए हमें इस तरह के कदम उठाने की जरूरत है ताकि इस कमी को दूर किया जा सके।"

नार्वेकर कहते हैं कि बीएमसी लोगों को पीने के लिए पानी उपलब्ध कराता है जबकि अधिकांश परिवार वाले अभी भी अपने अन्य काम के लिए भूजल पर ही निर्भर हैं। ऐसी स्थिति में भूजल का पानी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक वैकल्पिक स्रोत है।

नार्वेकर का मानना है कि इस बारे में हाउसिंग सोसाइटियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। वे कहते हैं, "मेरा मानना है कि समाज को प्रोत्साहन किया जाना चाहिए ताकि वे इस तरह की पहल शुरू करें, जिसमें इन पिट में बारिश का पानी जमा जो लंबे समय तक चलने में मदद करेगा। नार्वेकर के मुताबिक प्रॉपर्टी टैक्स में छुट देकर लोगों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

नार्वेकर का यह कदम वाकई में सराहनीय है, पानी की कमी से इस समय दुनिया जूझ रही है। अगर यह योजना सफल होती है तो मुंबईकरों को पानी की कमी से जूझना पड़ेगा। और वैसे भी पानी बचाना पूण्य का काम माना जाता है।

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