फलों पर कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल को रोकने के लिए FSSAI ने किया निरीक्षण और विशेष अभियान चलाने का आग्रह

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से फलों पर कृत्रिम रंगों के अवैध उपयोग को रोकने के लिए निरीक्षण और विशेष अभियान चलाने का आग्रह किया है। इसके साथ ही फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगाकर उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को रोककर एक सकारात्मक कदम उठाया गया है।

फल बाजारों और मंडियों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश

सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और FSSAI के क्षेत्रीय निदेशकों को कैल्शियम कार्बाइड जैसे पकाने वाले एजेंटों के अवैध उपयोग को रोकने के लिए फल बाजारों और मंडियों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।

इस अभियान के तहत, यदि फलों के भंडारण वाले परिसर में कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग पाया जाता है, तो इसे परिस्थितिजन्य साक्ष्य माना जाएगा और खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत खाद्य व्यवसाय संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग सख्त वर्जित

खाद्य सुरक्षा एवं मानक नियम, 2011 के तहत फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग सख्त वर्जित है। इस पदार्थ के उपयोग से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा होते हैं और इससे मुंह में छाले, पेट में जलन और कैंसरकारी गुण हो सकते हैं।

इसके अलावा, एफएसएसएआई ने यह भी निर्देश दिया है कि केले को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए रसायनों का उपयोग करने वाले एफबीओ के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस संबंध में प्राधिकरण ने एक व्यापक मार्गदर्शन नोट जारी किया है, जो वेबसाइट www.fssai.gov.in पर उपलब्ध है।

इसमें फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए एथिलीन गैस का उपयोग करने की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को स्पष्ट रूप से बताया गया है। एथिलीन गैस के उपयोग के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए, एफएसएसएआई ने सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों से इन एसओपी का पालन करने और सुरक्षित पकाने की पद्धतियों को अपनाने का आग्रह किया है।

FSSAI की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि एफएसएस अधिनियम, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है, इसलिए आपूर्ति श्रृंखला के सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बाजार में केवल सुरक्षित और कानूनी फल ही लाए जाएं। उपभोक्ताओं से सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण फलों का आनंद लेने के लिए सतर्क रहने का भी आग्रह किया गया है।

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