गणेशोत्सव 2025- सोसायटियों के दरवाजे पर गणपति विसर्जन के लिए मोबाइल तालाब

बीएमसी इस वर्ष गणेशोत्सव के लिए 'चलती कृत्रिम झील' की एक अभिनव अवधारणा लेकर आया है। इससे भक्तगण सोसाइटी के दरवाजे पर ही गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे, जिससे भीड़भाड़ और प्रदूषण से बचा जा सकेगा। (Ganeshostav 2025 Mobile pond for Ganpati immersion at the doorsteps of societies)

पर्यावरण-अनुकूल गणेशोत्सव को बढ़ावा देने और विसर्जन के दौरान भीड़भाड़ से बचने के लिए, मुंबई नगर निगम ने एक महत्वपूर्ण पहल की है।मुंबई में लगभग 12,000 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल और 2.25 लाख घरेलू गणपति प्रतिमाएँ स्थापित की जाती हैं। इनमें से कई मंडलों की प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों में विसर्जित किया जाता है। इससे भक्तों को असुविधा होती है और नगर निगम की योजना पर दबाव पड़ता है।

इस असुविधा को कम करने के लिए नगर निगम ने यह नई अवधारणा अपनाई है। इससे भक्तगण अपने पिता की अंतिम पूजा और आरती कर सकेंगे और प्रतिमाएँ नगर निगम के कर्मचारियों को सौंप सकेंगे। नगर निगम के कर्मचारी इन प्रतिमाओं का वैज्ञानिक तरीके से विसर्जन करेंगे।

कृत्रिम तालाब और अनुमतियाँ

बीएमसी ने इस वर्ष गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए मुंबई शहर में कुल 288 कृत्रिम तालाब बनाए हैं। भक्त 'माई बीएमसी' ऐप पर इन तालाबों में विसर्जन के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। इस वर्ष गणेशोत्सव मनाने के लिए नगर निगम को 2,625 आवेदन प्राप्त हुए हैं और अनुमति देने की प्रक्रिया चल रही है।

कड़ी पुलिस सुरक्षा

गणेशोत्सव के दौरान मुंबई पुलिस पूरी तरह तैयार है। चौबीसों घंटे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी और शहर में 11,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही, पूरे शहर में 15,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी।

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