महाराष्ट्र सरकार ने कबूतरों के आहार और जन स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक 12 सदस्यीय समिति का गठन किया है। (Maharashtra Government Forms 12-Member Committee To Study Pigeon Feeding & Public Health Impact)
राज्य लोक स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक (द्वितीय) डॉ. विजय कंडेवाड़ की अध्यक्षता वाली इस 12 सदस्यीय समिति में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सात सदस्य, पशु कल्याण विभाग के तीन सदस्य और शहरी विकास एवं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) के एक-एक सदस्य शामिल हैं।
केवल स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर काम करने का अधिकार
कबूतरों के आहार पर राज्य समिति को केवल स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर काम करने का अधिकार दिया गया है। हालाँकि, समिति यह भी तय करेगी कि क्या नियंत्रित आहार संभव है। यदि संभव हो, तो यह उन स्थानों की पहचान करेगी जहाँ कबूतरों को भोजन दिया जा सकता है और इसके लिए नियम-कानून बनाएगी।
यह समिति बॉम्बे उच्च न्यायालय में दायर तीन रिट याचिकाओं के आधार पर गठित की गई है, जिसने 13 अगस्त को राज्य सरकार को जन स्वास्थ्य पर कबूतरों के प्रभाव पर विशेषज्ञों की एक समिति नियुक्त करने का निर्देश दिया था।
शहरी विकास विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया है कि समिति आवश्यकता पड़ने पर अन्य सदस्यों की सहायता ले सकती है। समिति को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
यह भी पढ़ें- दो महीनों में मुंबई पुलिस ने 8000 से ज्यादा मोबाइल फ़ोनउनके मालिकों को लौटाए