सोमवार 6 दिसंबर को महाराष्ट्र सरकार ने "दस्तक ऑन फोन्स"( DUSTAK ON PHONE) के माध्यम से सभी जिलों में कॉल सेंटर लगाने का आदेश दिया, जो 98 लाख लाभार्थियों को प्रेरित करने की एक पहल है, जिन्होंने या तो अपनी दूसरी टीकाकरण खुराक में देरी की है या चूक गए हैं।
जबकि 5 दिसंबर तक, महाराष्ट्र ने 11.84 करोड़ खुराक दी थी, जो भारत में दूसरी सबसे बड़ी खुराक थी, केवल 46.49 प्रतिशत जो कि पात्र लोगों में से 4.25 करोड़ लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। यह 51 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से नीचे है।
महाराष्ट्र में, दिसंबर तक 4,85,46,626 लाभार्थियों को, जिन्हें कोविशील्ड( COVISHIELD) की पहली खुराक दी गई थी, उन्होंने अपना दूसरा टीका नहीं लिया है। दूसरी ओर, पहला शॉट लेने के बाद 12,66,261 लोग दूसरे शॉट से चूक गए हैं। आख्यानों के अनुसार, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ प्रदीप व्यास ने जिलों को कॉल सेंटर लगाने के लिए कहा। मकसद उन लोगों को दूसरे शॉट के लिए राजी करना है जो बकाया हैं। व्यास की राय है कि कुछ जिलों में वैक्सीन छूटने वालों को फोन करना "फलदायी" रहा है।
जहां जिलेवार कॉल सेंटर का संचालन महाराष्ट्र के आईटी विभाग द्वारा किया जाएगा, वहीं फ्रंटलाइन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता कॉल सेंटर चलाएंगे। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पुणे में 13,03,815 पर दूसरी बार के लिए अतिदेय लाभार्थियों की संख्या सबसे अधिक है। इसके बाद मुंबई 7,28,481 पर रहा।
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