मुंबई- मिल मजदूरों ने शहर के भीतर आवास की मांग की

मुंबई के मिल मज़दूरों ने बुधवार, 9 जुलाई को आज़ाद मैदान में डेढ़ लाख मज़दूरों के लिए किफायती आवास की माँग को लेकर एक मार्च निकाला।इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय मिल मज़दूर संघ समेत 14 संगठनों ने किया था। इस मार्च को शिवसेना (यूबीटी) और मनसे का समर्थन प्राप्त है।

अभी तक केवल 25,000 लोगों को ही घर मिले

म्हाडा को मिल की ज़मीन पर घरकुल योजना के लिए ढाई लाख मिल मज़दूरों और उनके उत्तराधिकारियों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। लेकिन अभी तक केवल 25,000 लोगों को ही घर मिले हैं। मुंबई में सीमित जगह के कारण, राज्य सरकार मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), खासकर शेलू और वांगनी में, निजी डेवलपर्स के माध्यम से घर बनाने की योजना बना रही है। इस प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है, क्योंकि प्रभावित मज़दूर और उनके संगठन मुंबई में ही घर की माँग कर रहे हैं।

मजदूरो का विरोध प्रदर्शन

सरकार शेलू और वांगनी परियोजनाओं के लिए सहमति पत्र एकत्र कर रही है, जिससे मज़दूरों में असंतोष फैल गया है। परिणामस्वरूप, राष्ट्रीय मिल मज़दूर संघ ने मार्च का आह्वान किया है। पहले यह मार्च रानीबाग और आज़ाद मैदान के बीच होना था, लेकिन अनुमति संबंधी समस्याओं के कारण मज़दूर सीधे आज़ाद मैदान पहुँच गए।

राष्ट्रीय मिल मज़दूर संघ के गोविंदराव मोहिते ने सरकार के रवैये पर असंतोष व्यक्त किया। उद्धव और राज ठाकरे के समर्थन ने इस आयोजन का महत्व और बढ़ा दिया है।मिल मज़दूर संयुक्त संघर्ष समिति सक्रिय रूप से एकजुट होकर उनकी दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। उनकी माँगें पूरी होने तक धरना-प्रदर्शन करने की योजना है।

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