मुंबई महानगरपालिका ने वसूला 'इतना' बकाया

बीएमसी ने शहर में अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। जिसमें 3,343 अवैध संपत्तियों पर 200% संपत्ति कर का जुर्माना लगाया गया है। जोकि कुल 392.28 करोड़ रुपये है। बीएमसी द्वारा भवन नियमों का उल्लंघन करने वालों अवैध निर्माण के खिलाफ की गई कार्रवाई का एक प्रमुख हिस्सा है।

रिकवरी दर उम्मीद से काफी कम

यह भी कहा जा रहा है कि रिकवरी दर उम्मीद से काफी कम है। 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच मुंबई नगर निगम केवल 12 करोड़ रुपये ही वसूलने में सफल रहा है।  यह कुल जुर्माने की राशि की तुलना में एक अंश है। बीएमसी अधिनियम, 1888 की धारा 152 (ए) के अनुसार, अनधिकृत निर्माण के लिए संपत्ति कर पर 200% का जुर्माना लगाने का स्पष्ट प्रावधान है। यह कानूनी ढांचा नगरपालिका को अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति देता है, जिससे संपत्ति मालिकों को शहर नियोजन नियमों का उल्लंघन करने से रोका जा सके।

अवैध संपत्ति पर जुर्माना

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "अक्सर जब नगर पालिका अनधिकृत निर्माण या परिवर्तन के लिए नोटिस जारी करती है, तो कई संपत्ति मालिक कोर्ट चले जाते हैं। चूंकि मामला कोर्ट में जा रहा है, इसलिए फैसला आने तक ध्वस्तीकरण का काम नहीं किया जा सकता। हालांकि, जुर्माना लगाया जा सकता है। इसलिए इन संपत्ति मालिकों पर 200 फीसदी संपत्ति कर का जुर्माना लगाने का फैसला किया गया।"

जब नगरपालिका अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करती है, तो उसी समय संपत्ति मालिकों को जुर्माने का नोटिस जारी किया जाता है। इन जुर्मानों को वसूलने की जिम्मेदारी बीएमसी अधिकारियों की होती है, जिससे वित्तीय प्रक्रिया अधिक तेज और कुशल हो जाती है। हालांकि, नगर निगम की टीम वित्तीय वर्ष 2024-25 में 379.90 करोड़ रुपये की वसूली नहीं कर सकी।

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