प्लास्टीक बंदी : रेलवे में प्लास्टिक की जगह अब होंगे कपड़ों के बैनर

मुंबई महानगर पालिका (BMC) द्वारा 1 मार्च से पूर्णतया प्लास्टिक बंदी (Plastic Ban)लागू करने के बाद अब रेलवे (Railway) ने भी प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने का फैसला लिया है। रेलवे ने निर्णय लिया है कि अब स्टेशनों पर प्लास्टिक के बैनरों पर रोक लगाई जाएगी। अब प्लास्टिक के बैनरों की बजाय कपड़ों के बैनरों का उपयोग किया जाएगा।

रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में विज्ञापनों के जरिये प्लास्टिक के बैनरों का यूज होता है। इसलिए रेलवे बोर्ड द्वारा प्लास्टिक के बजाय अब कपड़े के बैनर का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यावरण मंत्रालय (environment Ministry) द्वारा भी रेल मंत्रालय को प्लास्टिक पर बैन लगाने की सूचना दी गयी। जिसके बाद रेलवे भी प्लास्टिक को बैन करने का निर्णय लिया।

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रेलवे परिसर में विज्ञापन के लिए अब रेलवे कपड़े से बने बैनरों या फिर पेपर जैसे पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का उपयोग करेगी। रेलवे मंडल ने भी अब स्पष्ट किया है कि अब वह पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाली  प्लास्टिक का उपयोग बंद करके  पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का उपयोग करेगी।

स्वच्छ भारत अभियान के दिन भारतीय रेलवे ने वन टाइम यूज प्लास्टिक (One Time use plastic) पर रोक लगाईं थी। इसके विकल्प के रूप में रेलवे की तरफ से पर्यावरण सहायक वस्तुओं की तलाश भी रेलवे ने करना शुरू कर दिया है। अब रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल धारकों को और लंबी दुरी की ट्रेनों में खाद्य वस्तु बेचने वाले वेंडरों को प्लास्टिक के कप बेचने पर रोक लगाने साथ ही प्लाटिक की थैलियों की जगह कपड़े की थैली देने को कहा गया है।

आईआरसिटीसी (IRCTC) के अनुसार, पानी के बोतलों को मशीनों द्वारा क्रश किया जा रहा है और रेलवे के कार्यालयों, रेलवे परिसरों में उपयोग होने वाले प्लास्टिक के बैनरों, पोस्टरों को भी बंद किया जाएगा और उनकी जगह पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का उपयोग किया जायेगा।

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