जान हथेली पर रखकर जर्जर इमारत में रहने को मजबूर!

मलाड पूर्व में स्थित सविता सदन इमारत में रहनेवाले लोग पिछले कई सालों से अपनी जान हथेली पर लेकर जी रहे है। इमारत में रहनेवालों के पास सिर छुपाने के लिए कोई और जगह न होने के कारण कई लोग आने पूरे परिवार के साथ इस जर्जर इमारत(dilapidated buildingमें जीवन व्यतीत कर रहे है। बार बार बीएमसी और जमीन मालिक से शिकायत करने के बाद भी इनपर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।

जमीन मालिक और बीएमसी नही कर रही है सुनवाई

इमारत में रहनेवाले शख्स ने बताया कि " ये इमारत लगभग 55 से 60 साल पुरानी है, इमारत में रहनेवाले ज्यादातर परिवारों ने  जमीन मालिक और बीएमसी की लापरवाही और उदाशीनता के कारण इमारत को खाली कर दिया है , फिलहाल इस इमारत में 5 से 6 परिवार रहते है , रहनेवाले सभी लोगो ने इसकी शिकायत जमीन मालिक को की है वो इमारत की मरम्मत कराए और लोगो की जान से खिलवाड़ न करे"

उन्होंने आगे बताया कि " बीएमसी ने सिर्फ खानापूर्ति के लिए जमीन मालिक को एक साल पहले इमारत की ऑडिट करने का नोटिस दिया , जो अभी भी जमीन मालिक ने ऑडिट नही किया है, इसके साथ ही न ही अभी तक इमारत की किसी भी तरह की मरम्मत की गई है"

कुछ दिनों पहले ही प्रशासन की  लापरवाही के कारण भिवंडी इलाके में एक इमारत गिरने से कई लोगों की मौत हो गई थी। अगर प्रशासन ने इसी तरह अपना उदाशीन रवैया नही छोड़ा तो शहर में और भी कई इमारतें गिरने की  घटनाएं हो सकती है।

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