पर्यावरण विभाग ने प्रदूषण संबंधी शिकायतों के लिए महा पर्यावरण ऐप लॉन्च किया

पर्यावरण विभाग ने अब औद्योगिक क्षेत्रों में जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण की शिकायतों के लिए महापरिवरण ऐप विकसित किया है। इस ऐप के माध्यम से प्रदूषण फैलाने वाले स्थानों और घटनाओं की लाइव शिकायत की जा सकेगी। इस प्रकार, यह ऐप प्रदूषण की समस्याओं को दूर करने में सहायक होगा।

शिकायतों के समाधान में लगने वाले समय को देखते हुए यह ऐप विकसित

औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण नियंत्रण किया जाता है। हालाँकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि बोर्ड के वर्तमान कम कर्मचारियों और प्राप्त शिकायतों के समाधान में लगने वाले समय को देखते हुए यह ऐप विकसित किया गया है।

कारखाने से होने वाले किसी भी प्रकार के प्रदूषण की सीधे शिकायत 

इस ऐप के माध्यम से, प्रभावित नागरिक या आम नागरिक व्यक्तिगत रूप से किसी भी कारखाने से होने वाले किसी भी प्रकार के प्रदूषण की सीधे शिकायत कर सकते हैं।

ग्रीन, रेड, ऑरेंज जैसी श्रेणियां 

औद्योगिक क्षेत्रों में, प्रदूषणकारी कारखानों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ग्रीन, रेड, ऑरेंज जैसी श्रेणियों और चरणों में अधिसूचित किया गया है। ग्रीन अधिसूचना श्रेणी में शामिल कारखाने आसानी से प्रदूषण नहीं फैलाते हैं।

जल, ध्वनि और वायु प्रदूषण 

ऑरेंज श्रेणी में वे कारखाने शामिल हैं जो मध्यम रूप से, अर्थात् वायु और जल, प्रदूषण करते हैं, जबकि रेड श्रेणी में वे कारखाने शामिल हैं जो जल, ध्वनि और वायु तीनों प्रकार के प्रदूषण करते हैं।इस श्रेणी में प्रदूषित रासायनिक अपशिष्ट जल और प्रदूषित रासायनिक खतरनाक ठोस अपशिष्ट भी शामिल हैं।

प्रदूषण फैलानेवाले कारखानों पर सख्त कदम

अर्थात, लाल श्रेणी में रासायनिक कारखाने, रासायनिक प्रसंस्करण कारखाने, सूत रंगाई कारखाने, रासायनिक ठोस उत्पाद निर्माण कारखाने, लोहा निर्माण कारखाने, खतरनाक गैसों का उत्सर्जन करने वाले कारखाने, खतरनाक अपशिष्ट उत्पन्न करने वाले विनिर्माण कारखाने, तेल शोधक कारखाने, सीमेंट कारखाने, चीनी कारखाने, उर्वरक कारखाने, रंग और रंग मध्यवर्ती निर्माता आदि शामिल हैं।

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