एक बड़े घटनाक्रम में, महाराष्ट्र के गृह विभाग(Maharashtra home department) ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में पुलिस के लिए दिशानिर्देशों का एक नया SOP जारी किया। साकी नाका बलात्कार मामले के बाद, मुंबई पुलिस ने महिलाओं के लिए परामर्श केंद्र खोले।
ये हैं नए एसओपी
यदि कोई महिला किसी अपराध के संबंध में पुलिस के पास जाती है, तो एक महिला अधिकारी को अपना बयान दर्ज करना चाहिए।
इसके बाद 24 घंटे के भीतर पीड़िता को संबंधित महिला एवं बाल विकास समिति के समक्ष पेश किया जाए।
नाबालिगों के मामले में, एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर रैंक की महिला अधिकारी द्वारा एक रिश्तेदार की उपस्थिति में और उस भाषा में बयान दर्ज किया जाना चाहिए जो नाबालिग के साथ सहज हो।
हर थाने में एक बाल विकास अधिकारी होना चाहिए।
पिछले साल साकी नाका बलात्कार और हत्या मामले के बाद से, राज्य सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) ) ने 9 सितंबर को एक 16 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को 29 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दी, भले ही भ्रूण में कोई असामान्यता नहीं पाई गई हो।
इस बीच, NCRB की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई शहर ने वर्ष 2019 में दिल्ली के बाद महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या दर्ज की है।
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