Exclusive Interview: एक्टर बनना है तो पापड़ बेलने के लिए तैयार रहें - मृणाल दत्त

ऑल्ट बालाजी और जी5 की वेब सीरीज ‘कोल्ड लस्सी और चिकन मसाला’ में राजीव खंडेलवाल और दिव्यांका त्रिपाठी के साथ नजर आए एक्टर मृणाल दत्त जल्द ही कुछ और बेव सीरीज में नजर आने वाले हैं। हाल ही में गोल्डी बहल की सीरीज ‘हलो मिनी’ एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई है। इस शो में भी मृणाल एक प्रमुख भूमिका में हैं। मृणाल कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे, पर फिल्मी अंदाज में उनकी लाइफ ने टर्न लिया और अब स्क्रीन पर दर्शकों का अपनी एक्टिंग से मनोरंजन कर रहे हैं। मुंबई लाइव ने मृणाल से हाल ही में खास मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने शो और जिंदगी से जुड़े सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।     

कोल्ड लस्सी और चिकन मसाला के बाद Hello Mini, इसके बार में बताइए

‘हलो मिनी’ वेब सीरीज 1 अक्टूबर को आई है, इसे मैंने ‘कोल्ड लस्सी और चिकन मसाला’ से पहले शूट कर लिया था। इस शो को गोल्डी बहल ने प्रोड्यूस किया है। यह सीरीज एक किताब पर बेस्ड है जोकि बेस्ट सेलिंग थ्रिलिंग नोवल है। यह सीरीज यंग थ्रिलर है। कॉन्टेंट की बात करें तो बेहद ही मजबूत है। शो में बोल्डनेस और थ्रिल दोनों पर जोर दिया गया है।

वेब के आने से नए एक्टर को काम मिलना आसान हो गया है?

सवाल सिर्फ काम मिलने का नहीं है, काम तो पहले भी मिलता था। पर अब मन पसंद का काम मिलने लगा है। अब देखिए मुझे प्रदीप सरकार के साथ काम करने का मौका मिला, हम लोग 8 महीने तक एक दूसरे से जुड़े रहे। उनके नाम से ही लोग एक्साइटेड हो जाते हैं, अब हम ऐड शूट के लिए भी डिसकस कर रहे हैं। एक अच्छे फिल्मेकर के साथ काम करना एक एक्टर के लिए हर तरह से फायदेमंद होता है।

एक्टर बनना है, जहन में कब आया?

एक्टर बनने की मेरी कहानी एक दम फिल्मी है। मैं एक क्रिकेटर हुआ करता था। मैं अपने कॉलेज और रेलवे के लिए खेला करता था। मैं एक क्लब की तरफ से इंग्लैंड भी क्रिकेट खेलने के लिए जा चुका हूं। जब क्रिकेट के 6-8 महीने का सीजन खत्म हो जाता था, तो करने के लिए कुछ नहीं होता था। एक दिन ड्रामा सोसायटी के रूम से काफी आवाजें आ रही थी, तो मैं वहां चल गया। देखा वहां अतरंगी चीजें हो रही हैं। मुझे वहां पे अच्छा लगा, तो मैं बीच बीच में जाने लगा। उसी दौरान मैंने स्ट्रीट प्ले किए और मुझे लगा कि हां मुझे अब एक्टर ही बनना है। मेरी मां भी बताया करती थी कि मैं बचपन में गाना गाता और डांस किया करता था।

काम मिलना कैसे शुरु हुआ?

स्ट्रीट प्ले करते हुए लगभग 3 महीने हो गए थे, दिल्ली की एक कंपनी ने मुझे एक विज्ञापन ऑफर किया। दिल्ली में ही मैंने कुछ ऐड किए। फिर मुझे मुंबई एक ऐड कुछ ऑडिशन के लिए बुलाया गया। 10 दिन के लिए मैं मुंबई आया था, उसी दौरान मुझे एक मेरा दोस्त मिला जो बालाजी के लिए काम करता था। वो मुझे बालाजी घुमाने लेकर गया, तो वहीं पर मुझे एक शो के लिए ऑडिशन ऑफर हुआ। मैंने ऑडिशन दिया, फिर 3 महीने बाद मुझे उनका कॉल आया। मैं आया और एक साल तक मैंने बालाजी का वह शो किया। उसके बाद चीजें होती चली गई और मैंने फिर कभी वापस मुड़कर नहीं देखा।

दिल्ली से बहुत सारे लोग एक्टर बनने का सपना लेकर आते हैं, उनके लिए आपकी सलाह?

वर्कशॉप करिए, एक्टिंग सीखिए, थिएटर करिए, डिक्शन के लिए काम करिए, आप जितना ज्यादा सीखकर मुंबई आएंगे आपको काम मिलना भी उतना ही आसान हो जाएगा। जब आप कोई ऑडिशन देंगे तो सामने वाले को लगेगा कि हां बंदा तैयार है। आपने अगर ये चीजें सीखी हुई हैं तो आपका समय भी बचेगा। साथ ही आप यह सोचकर बिल्किल भी न आएं कि आपके लिए यहां कोई बैठा है, जो आपके आते ही आपको काम पकड़ा देगा। आप इस तैयारी से आएं कि आपको बहुत पापड़ बेलने हैं।

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