आखिरकार बिलाबोंग स्कूल ने छात्रों को आरटीई में दिया प्रवेश

सरकार द्वारा आरटीई की बाकी रकम नहीं मिलने के कारण कई निजी स्कूलों ने छात्रों को आरटीई कोटे में प्रवेश देने से मना कर दिया था, लेकिन शिक्षा बचाव समिति आंदोलन के बाद 27 दिनों के बाद, बिलाबोंग स्कूल प्रशासन ने 17 छात्रों को आरटीई के तहत प्रवेश दे दिया है। आपको बता दे की मुंबई लाइव ने ही सबसे पहले आपको ये खबर दी थी आरटीई के बकाया रकम ना मिलने के कारण बिलाबोंग स्कूल ने छात्रों का प्रवेश रोक दिया था , जिसके बाद शिक्षा बचाव समिति ने इसके लिए आंदोलन किया था।बिलाबोंग स्कूल ने ना ही सिर्फ इन 17 बच्चों को प्रवेश दिया बल्की इन सभी बच्चों को स्कूल की ओर से ड्रेस ओर बूक्स भी दिये गए है।

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क्या था पूरा मामला

'आरटी' के तहत 25% सीटे निजी स्कूल में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए आरक्षित हैं। इन छात्रों की शैक्षिक शुल्क राज्य और केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है। इसके बावजूद, 2014-15 के बाद से निजी स्कूलों को इन छात्रों का शुल्क नहीं मिला, जिसके कारण कई निजी स्कूलों ने छात्रों को प्रवेश नहीं दिया।जिसके बाद इस मामले में दखल देते हुए 16 अप्रैल को बीएमसी के पश्निम विङाग के स्कूलों को 50 लाख , 41 हजार 895 रुपये का शुल्क दिया गया था। जिसमें से बिलाबोंग स्कूल को 4 लाख से भी अधिक की रकम दी गई थी। हालांकी इसके बाद भी स्कूल में 30 छात्रों के प्रवेश को ना कर दिया था।

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अनुदानित शिक्षा बचाव समिती के सुधीर परांजपे का कहना है की स्कूल की इस हरतक के खिलाफ हमने कई आंदोलन किये और साथ ही स्कूलों को कहा की अगर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया गया तो वह इस मामले में कोर्ट में भी ले जाएंगे।

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