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मालाड के बिलाबॉग स्कूल ने नहीं दिया आरटीई में बच्चों को प्रवेश

स्कूल का कहना है की उन्हे प्रशासन की ओर से आरटीई की बकाया राशि नहीं मिली है।

मालाड के बिलाबॉग स्कूल ने नहीं दिया आरटीई में बच्चों को प्रवेश
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आरटीई अधिनियम के तहत, शिक्षा का अधिकार समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए किया जाता है , लेकिन अभी भी मुंबई में कई स्कूल आरटीई के तहत छात्रों को प्रवेश नहीं दे रहे है। मालाड के बिलाबॉंग स्कूल ने आरटीई कोटे से प्रेवश लेनेवाले 30 छात्रों को अभी तक प्रवेश नहीं दिया है। छात्रों को प्रवेश ना दिये जाने के खिलाफ शिक्षा बचाव समिति द्वारा 1 9 अप्रैल को आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में छात्रों के अभिभावको ने भी हिस्सा लिया।


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बिलाबॉंग स्कूल को दिये गए 4 लाख 13 हजार 779 रुपये

निजी स्कूलों में आरटीई के तहत 25% कोटा रखा जाता है। इन सीटों पर प्रवेश पानेवाले छात्रों की फिस राज्य और केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है। हालांकि, वर्ष 2014-15 से निजी स्कूलों को ये शुल्क नहीं मिला है। ये कुल राशि लगभग 800 करोड़ रुपये की है। 16 अप्रैल को बीएमसी के शिक्षा विभाग की ओऱ से पश्चिम विभाग को 50 लाख 41 हजार 895 रुपये का धनराशि दी गई थी। जिसमें से बिलाबॉंग स्कूल को 4,13,77 9 रुपये दिये गए है।

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नहीं मिली है बकाया राशि

जब इस मामले में मुंबई लाइव ने अनुदानित शिक्षा बचाव समिति से संपर्क किया , तो उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस साल स्कूलों को आरटीआई के तहत बकाया राशि दी गई है लेकिन अभी तक इस मामले में मालाड के बिलाबॉग स्कूल ने छात्रों को प्रवेश नहीं दिया गया है। जिसके कारण गरीब छात्रों का काफी नुकसान हो रहा है।

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तो वही लिलाबॉग स्कूल का कहना है की भले ही पश्चिम विभाग को पैसे दिये गए हो लेकिन अभी तक स्कूल को पैसे नहीं मिले है, स्कूल के खाते में अभी तक पैसे जमा नहीं हुए है, पैसे जमा होने के बाद बच्चो को प्रवेश दिया जाएगा। आरटीई समिति सुधीर परांजपे का कहना है की अगर स्कूल ने बच्चों को प्रवेश नहीं दिया तो वह इस मामले में कोर्ट का रास्ता अपनाएंगे।

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