12वीं बोर्ड के एग्जाम नहीं होंगे रद्द, 1 जून तक आएगी तारीख

केंद्र सरकार ने 12वीं के छात्रों के भविष्य को देखते हुए 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं (12th board exam) को कराने का निर्णय लिया है, यानी 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द नहीं होंगी।

रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (rajnath singh) की अगुआई में बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में अधिकांश राज्यों ने इस पर सहमति दी, लेकिन दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों की राय अलग थी।

केंद्र सरकार ने कहा है कि वह परीक्षाओं को लेकर छात्रों और अभिभावकों में पैदा हुए असमंजस को जल्द ही खत्म करेगी। एक जून या उससे पहले ही परीक्षा कराने को लेकर निर्णय हो जाएगा और तिथि भी आ जाएगी।

बता दें कि 12वीं बोर्ड सहित अन्य प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) के निर्देश पर रविवार को रक्षा मंत्री की अगुआई में बैठक बुलाई गई थी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (education minister ramesh pokhariyal nishank), केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर के साथ ही राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित राज्यों के शिक्षा सचिव, सीबीएसई, नेशनल टे¨स्टग एजेंसी (एनटीए) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। करीब तीन घंटे चली इस बैठक में परीक्षा कराने के विकल्पों को राज्यों की राय अलग-अलग थी। हालांकि परीक्षा कराने को लेकर कुछ राज्यों को छोड़कर बाकी सभी राज्यों की राय परीक्षा रद्द न कराने की थी। 

जो सहमति बनी उसके अनुसार, परीक्षाओं के लिए स्वकेंद्र रखने पर और परीक्षाओं को तीन घंटे से कम समय यानी डेढ़ घंटे में ही कराने, प्रश्नपत्र को बहु-विकल्पीय रखने या फिर कुछ प्रमुख विषयों की ही परीक्षा कराने या फिर छात्रों से पूछकर ही परीक्षा वाले विषयों का चयन किया जाए। और बाकी विषयों में उनके प्रदर्शन के आकलन के आधार पर अंक दिए जाएं। इस दौरान सीबीएसई ने भी राज्यों के सामने परीक्षा के दो विकल्प रखे।

शिक्षा मंत्रलय से जुड़े सूत्रों की मानें तो 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के आधार पर ही प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं को लेकर रोडमैप तैयार किया जाएगा। इसका एलान भी एक जून के बाद किया जाएगा। इस बीच एनटीए से प्लान मांगा गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने सभी राज्यों से इस संबंध में 25 मई तक विस्तृत राय देने को कहा है। राज्यों की राय के आने के बाद पूरी रिपोर्ट प्रधानमंत्री के सामने रखी जाएगी। माना जा रहा है कि राज्यों को अपनी सुविधा के आधार पर विकल्प चुनने की छूट दी जाएगी।

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