छात्रों से परीक्षा ना ले यूजीसी और राज्यपाल- विद्यार्थी भारती

युजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक निर्देश जारी करते हुए कहा की आनेवाली सितंबर में इस इस साल ना हो पानेवाली समेस्टर की परिक्षाओं को आयोजित किया जाएगा। हाालंकी महाराष्ट्र सरकार ने इसका विरोध किया है। राज्य के शिक्षा मंत्री उद्य सामंत ने साफ कहा की मौजूद परिस्थिती में छात्रों की परिक्षा लेना संभव नहीं है। वहीं विद्यार्थी भारती संगठना ने भी इसका विरोध किया है। विद्यार्थी भारती संगठना ने यु जी सी उपाध्यक्ष पटवर्धन को आधुनिक द्रोणाचार्य करार दिया है।

छात्रों के स्वास्थ को हो सकता है खतरा

विद्यार्थी भारती के अध्यक्ष मंजिरी धुरी  ने सवाल किया कि यह प्रक्रिया पटवर्धन को इतनी सरल कैसे लग सकती है, जिन्होंने कहा कि यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए, हालांकि महाराष्ट्र राज्य के 13 विश्वविद्यालय कह रहे है की कोरोना काल में परिक्षा आयोजित करने से छात्रों पर स्वास्थ को खतरा हो सकता है।

आमरण अनशन करेंगे शुरु

विद्यार्थी भारती संगठना का कहना है की कोरोना काल में छात्रों की परिक्षा जरुरी है या फिर उनका स्वास्थ?  खुद राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने खुद कहा कि महाराष्ट्र या पूरे देश में ऑनलाइन परीक्षा देना संभव नहीं  है , फइर इस तरह का पर्याय देना कितना सही है इसपर यूजीसी उपाध्यक्ष पटवर्धन को विटार करना चाहिये। और अगर परिक्षा के मुद्दे पर जल्द फैसला नहीं हुआ तो संगठना आमरण अनशन शुरु करेगी। 

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