निजी स्कूल छात्रों की कम पसंद, सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ रहा रुझान

पिछले दो साल में खासकर कोरोना काल(Coronavirus)  में निजी स्कूलों के छात्रों का सरकारी स्कूलों में आना-जाना लगा है।  एएसएआर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में सरकारी स्कूलों में नामांकन में 9.5 प्रतिशत और देश में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।कम नामांकन के कारण कई सरकारी स्कूलों को बंद करने का समय आ गया था।  हालांकि, अब कोरोना काल में इन स्कूलों में छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है।  2018 की तुलना में इस साल सरकारी स्कूलों में छात्रों के नामांकन में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

'असर' रिपोर्ट में प्रदेश के 990 गांवों के 6 से 16 आयु वर्ग के चार हजार से अधिक छात्रों की जानकारी जुटाई गई है। निजी स्कूलों में जाने वाले छात्रों की संख्या 32.5 प्रतिशत से घटकर 24.4 प्रतिशत हो गई है।  इससे यह भी पता चलता है कि सरकारी स्कूलों में लड़कियों का नामांकन लड़कों की तुलना में अधिक है।

सरकारी स्कूलों में दाखिले के कारण

शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पलायन

कोरोना ने कई क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया

कोरोना काल में कई परिवारों की आय में गिरावट

निजी स्कूलों की बढ़ी फीस

कई स्कूलों को बंद करने का समय आ गया है क्योंकि छोटे निजी स्कूलों के वित्त में भी गिरावट आई है

कोरोना काल में छात्रों तक पहुंचने के लिए सरकारी स्कूलों की कड़ी मेहनत

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