पर्यावरण की सुरक्षा के लिए मुंबई हाईकोर्ट का अहम फैसला, काम के लिए इस पेपर का होगा इस्तेमाल

मुंबई उच्च न्यायालय(Bombay high court) ने अधिवक्ताओं (advocates) को कम कागज का उपयोग करके "पर्यावरण बचाओ" संदेश देने के लिए हरे रंग के लेजर फुलस्केप आकार के कागज के बजाय दोनों तरफ मुद्रित ए 4 (A4 PAPER)  आकार के कागज का उपयोग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।  मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश एस कुलकर्णी की पीठ ने अधिवक्ता अजिंक्य मोहन उडाने की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।  उडाने ने कहा कि ए4 पेपर के इस्तेमाल से कागज की काफी बचत होगी और पेड़ों की भी काफी बचत होगी।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कागज के इस्तेमाल को कम करने के लिए ए4 साइज के पेपर के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है।  इसलिए अब हरे रंग की जगह सफेद ए4 पेपर पर याचिकाएं, आवेदन और हलफनामे दाखिल किए जा सकेंगे।  दोनों तरफ के टेक्स्ट को सफेद ए4 पेपर पर प्रिंट किया जा सकता है।

वकील अजिंक्य उडाने ने एक याचिका दायर कर न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों के लिए हरे रंग के बजाय ए 4 आकार के कागज का उपयोग करने की मांग की थी। याचिका में दावा किया गया था कि ए4 साइज का पेपर काफी कागज बचाता है।  यह पर्यावरण की रक्षा करने में भी मदद करेगा।

इस बीच कोर्ट ने अच्छी क्वालिटी (75 GSM) A4 साइज के पेपर का इस्तेमाल करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है।  इस कागज के दोनों ओर मुद्रण की अनुमति है। हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश को प्रदेश की सभी अदालतों में लागू किया जाएगा।

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