Diwali 2021: पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, जानें

कोरोना काल में यह दूसरी बार है जब दीवाली का त्योहार आया है। पिछले साल भी लोगों ने कोरोना संक्रामक के बीच सादगी तरीके से त्योहार सेलिब्रेट किया था। और इस बार भी दीवाली कोरोना संक्रमण के दौरान आई है। हालांकि पिछले साल और इस साल की तुलना करें तो काफी कुछ बदल गया है। पिछले साल की तुलना में इस बार कोरोना (covid19) काफी हद तक कंट्रोल में है। बावजूद इसके सरकार की तरह से दिशा निर्देश दिए गए हैं कि लोग सावधान रहें, भीड़ भाड़ करने से बचे और जहां तक हो सके पटाखे फोड़ने से बचे।

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार, 27 अक्टूबर को दिवाली त्योहार के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। कोरोना वायरस (coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार ने नागरिकों से पटाखे फोड़ने से बचने का आग्रह किया है। हालांकि, सरकार की तरफ से पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।

शुक्रवार 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सफाई देते हुए कहा कि, पटाखों पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन बेरियम साल्ट वाले पटाखों पर जरूर पाबंदी लगाई गई है। अदालत ने कहा कि, दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर जश्न नहीं मना सकते।

पीठ ने कहा, पटाखों के अलावा पटाखों के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं और विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को प्रभावित करते हैं। कोर्ट के अनुसार, यदि राज्य, एजेंसियां और केंद्र शासित प्रदेश पटाखों पर प्रतिबंध लागू करते हैं, तो वे इसे गंभीरता से लेंगे।

इस बीच, राज्य सरकार ने अपने दिशा-निर्देशों (diwali guide line) में उल्लेख किया है कि जो लोग कोरोना वायरस से प्रभावित हैं, उनके वायु प्रदूषण के कारण सीधे तौर पर परेशान होने की संभावना है। इसलिए सरकार ने लोगों से कहा है कि वे पटाखे (brust crackers) न फोड़ें और इसके बजाय बड़े पैमाने पर दीये जलाएं और त्योहार मनाएं। उन्होंने नागरिकों से दिवाली की खरीददारी के लिए बाजारों में भीड़भाड़ न करने की भी अपील की।

गौरतलब है कि इस साल दिवाली (diwali) 2 नवंबर मंगलवार से लेकर शनिवार 6 नवंबर तक मनाई जाएगी।

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