जहां एक ओर इस साल दिवाली में पटाखें फोड़ने के बाद भी मुंबई की हवा पिछलें दो सालों की तुलना में कम प्रदुषित थी तो वही दूसरी ओर इस साल पटाखों से जलने के कुल 40 मामले सामने आये है। हालांकि, 12 लोगों को गंभीर चोटें आई है जिन्हे एरोली के बर्न सेंटर में इलाज के लिए भर्ती किया गया है।
पांच मरीज ज्यादा गंभीर
राज्य संचालित सर जमशेदजी जीजीभाय अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, पटाखों के कारण मामूली चोटों के साथ केवल पांच मरीजों को अस्पताल में ले जाया गया। डॉक्टरों में से एक ने कहा कि किसी भी रोगी को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया क्योंकि ज्यादातर मामले गंभीर नहीं थे और मरीज़ 7-11 साल के आयु वर्ग के बीच थे।
इस बीच, नेशनल बर्न सेंटर, एरोली के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि उनके अस्पताल में जलने के 12 मामले सामने आए है।
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