एक सर्वेक्षण से बात सामने आई है की महिलाएं बहुत ज्यादा जरुरी होने पर ही पीठ दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास जाती है। दिनभर के ऑफिस और घर के कार्य के बाद महिलाओ को पीठ दर्द की शिकायते ज्यादा होती है , लेकिन इस पीठ दर्द को महिलाएं हमेशा हल्के में लेती है। जो की बाद में एक बेहद गंभीर बीमारी का रुप धारण कर लेता है।
कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी असपताल के ऑर्थोपेडिक डॉक्टरो ने ब्रेन और पीठ दर्द के विषय में महिलाओं पर एक सर्वेक्षण किया था, जिसमें यह बात निकलकर सामने आई है।
क्या है सर्वेक्षण की मुख्य बातें-
महिलाओं को क्यों होती है परेशानियां-
क्या है इनके उपाय-
वोक्हार्ट हॉस्पिटल की ऑर्थोपेडिक डॉ. प्रियांक का कहना है की "60 फिसदी महिलाओं को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, कैल्शियम के साथ साथ हार्मोन्स की कमी के कारण भी महिलाओं में धकान, तनाव और कमजोरी आ जाती है। "
कांदिवली के शताब्दी अस्पताल के ऑर्थोपेडिक डॉ.ओम ने महिलाओं को खास बातें ध्यान में रखने की हिदायत दी है। डॉ.ओम के मुताबिक एक ओपीडी में दिन में ही 70 से 80 मरीज आते है, जिनमें से 60 फिसदी महिलाएं होती है। पीठ दर्द का सही समय पर इलाज ना होने के कारण महिलाओं में ये समस्या और भी बढ़ती जा रही है।
सेंट जॉर्ज अस्पताल के ऑर्थोपेडिक डॉ. रविराज शिंदे का कहना है की हमारे यहां 60 फिसदी महिलाएं पीठ या कमर दर्द की शिकायत लेकर आती है। गर्भवती होने के समय महिलाओं में ये तकलीफ काफी बढ़ जाती है। शरीर में कैल्शियम का आभाव हो जाता है, 45 से 65 साल की महिलाओं के बीच यह समस्या ज्यादा पाई जाती है, इन वर्ग की महिलाओं को रोजाना व्यायाम करना चाहिेए।
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