टीबी बीमारी पर मुंबईकरों को जानकारी देने के लिए जनप्रतिनिधियों पर कार्यशाला !

शहर में टीबी रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा ही है। इस बढ़ती संख्या को देखते हुए अब बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों की भागीदारी के लिए मंगलवार को 'टीबी कंट्रोल मिशन' नाम के कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को टीबी मुक्त भारत कैसे किया जा सकता है इसके लिए चर्चा और मार्गदर्शन किया।

टीबी रोकथाम : घर आकर जांच करेंगे बीएमसी स्वास्थ्य कर्मचारी

'टीबी हरेगा, देश जिटगा' के टैग लाइन के साथ लोगों को टीबी की बीमारी के बारे में जागरुक करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बीएमसी ने अब टीबी के बढ़ते प्रकोप पर काबू पाने के मिशन के साथ इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया है।

किन किन बातों पर रहा खास ध्यान

इस कार्यशाला में टीबी क्या है? उसके लक्षण क्या हैं? इसको रोकने के लिए क्या क्या किया जा सकता है? जैसे कई महत्तवपूर्ण मुद्दो पर चर्चा की गई। साथ ही जनप्रतिनिधियों से अपील भी की गई की वह इसकी जानकारी अपने स्थानीय जनता तक भी पहुंचाए।

बीएमसी के मेयर और कमिश्नर भी रहे मौजूद

इस कार्यशाला में महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर, बीएमसी के आयुक्त अजॉय मेहता, उपायुक्त सुनील धमाणे, अविनाश सुपे, बीएमसी कार्यकारी चिकित्सा अधिकारी, डॉ.पद्मजा केसकर उपस्थित थे। इसके अलावा इस कार्यक्रम में टीबी के कुछ वीडियो कार्यक्रम में दिखाए गए थे।

एचआईवी की तुलना में तेजी से बढ़ टीबी

द युनियन’ संस्था के संचालक इमरान सय्यद का कहना है की टीबी का अनुपात एचआईवी की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है। मौजूदा साल में टीबी के दूनियाभर में 18 लाख मरिज हर रोज मरते है, जिनमे से 4.30 लाख भारत में है। वर्ष 2050 में मृत्यु दर 7 करोड़ तक पहुंच जाएगी। जो की एक चिंता की बात है। 

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