झुग्गी-झोंपड़ी परियोजनाओं में बिल्डरों की वित्तीय जांच जरुरी

कई पुनर्विकास परियोजनाएं में फाइनेंस की कमी होने के कारण अभी तक ठप्प पड़े है। स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) ने इन गलतियों से सबक सीखा है। एसआरए अब पहले चरण में ही डेवलपर की वित्तीय स्थिति की जांच करेगा और उसके बाद ही बिल्डर को पुनर्विकास परियोजना देगा। राज्य के आवास मंत्री रविंद्र वायकर ने कहा की स्लम पुनर्विकास परियोजना में अलग-अलग भाग हैं, मुख्य रूप से, भार -2, जिसमें पात्र स्लम निवासी सूचीबद्ध हैं। वायकर ने कहा की  एसआरए में अधिकारियों को पहले एनेक्सचर 3-बी की जांच करने के लिए कहा गया है, जिसे अब अनिवार्य कर दिया गया है। पहले यह अनिवार्य नहीं था, जिसे अब सख्ती से लागू किया जाएगा।

बिल्डर एक से अधिक प्रोजेक्ट शुरु करने के योग्य या नहीं?

मीडिया से बात करते हुए वायकर ने बिल्डरों की कई पुनर्विकास परियोजनाओं की जानकारी साझा की और बताय की उन्हे अधूरा ही छोड़ दिया गया है।  अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए  उन्होने कहा की “यह नियम तब महत्वपूर्ण होता है जब कोई बिल्डर एक से अधिक प्रोजेक्ट करता है। ये वित्तीय जांच इस बात का पता  लगाया कि डेवलपर एक साथ एक से अधिक प्रोजेक्ट को संभालने में सक्षम है"।

इस बीच, झुग्गी पुनर्विकास की बात करते हुए, मंत्री ने पुष्टि की, राज्य सरकार झुग्गी निवासियों से घरों की खरीद को वैध बनाने की योजना बना रही है। इन घरों को झुग्गी में रहनेवाले लोगों को मुफ्त में आवंटित किया जाता है और वे खरीदारों को पुनर्नामित करने के बाद पैसे कमाते हैं। वास्तव में, मौजूदा नियम के तहत स्लम के निवासियों को शुरुआती 10 वर्षों के लिए अपने घर नहीं बेच सकते है।

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