खुशखबरी! साल 2011 तक बने झोपड़े शामिल होंगे पीएमएवाय योजना में

साल 2011 तक बने झोपड़ों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाय) के तहत शामिल करके केंद्र सरकार झोपड़ीपट्टी धारकों को दोहरी ख़ुशी दी है। इस योजना के तहत झोपड़ीपट्टी धारकों को ढाई लाख रूपये अनुदान भी मिलेंगे। आपको बता दें कि राज्य सरकार की तरफ से पहली ही 2011 तक बने झोपड़ों को वैध करार दिया गया है साथ ही उन्हें एसआरए के तहत बने घरों में भी शामिल किया गया है।

महाराष्ट्र के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार इन झोपड़ों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाय) में भी शामिल कर केंद्र सरकार के द्वारा एक और बड़ी राहत दी गयी है। इस संबंध में राज्य सरकार की सहमति से केंद्र सरकार की तरफ से जल्द ही एक ड्राफ्ट पेश किया जाएगा। 

अगर इस ड्राफ्ट को मंजूरी मिल जाती है तो 2011 के सभी झोपड़े पीएमएवाय के अंतर्गत आ जाएंगे। साथ ही झोपड़धारकों को ढाई लाख रूपये का अनुदान भी केंद्र सरकार की तरफ से मिलेगा जिससे घरों के निर्माण लागत अपने आप कम जो जाएगी।

गौरतलब है कि मुंबई में अवैध झोपड़ों की समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार ने साल 2011 तक के बने झोपड़ों को वैध करार दिया। इस घोषणा से लगभग 2 लाख लोगों को राहत मिली थी। साथ ही इन झोपड़ों को एसआरए (झोपड़पट्टी पुनर्विकास योजना) के अंतर्गत भी शामिल कर घर देने की बात की गयी। लेकिन इन पर शर्त यह लगाई गयी कि अगर एसआरए के तहत इन्हे घर मिलता है तो इनसे घरों की निर्माण करने में लगी लागत ही वसूली जाएगी।

 मुंबई के अलग अलग इलाकों में इन झोपड़ों की निर्माण लागत भी अलग अलग तय की गयी है। सूत्रों के मुताबिक यह निर्माण लागत कहीं कहीं 10 लाख रूपये तक है। झोपड़ा धारकों को यह रकम देने के बाद ही उन्हें घर दिया जाएगा।

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