जब तक मुंबई-गोवा राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना पूरी, तब तक अन्य परियोजना शुरू करने की मंजूरी नही!

सोमवार, 20 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने कहा कि वह महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra goverment) को तब तक कोई नई विकास परियोजना शुरू करने की अनुमति नहीं देगा जब तक कि वे मुंबई-गोवा राजमार्ग (Mumbai goa highway) चौड़ीकरण परियोजना को पूरा नहीं कर लेते।

हाइकोर्ट ने उन्हें दिसंबर तक चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है।  उन्हें इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने की जरूरत है। राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर हाईवे पर बने गड्ढों को ठीक करने को कहा गया है।हाईवे पर होने वाले हादसों से बचने के लिए गड्ढों को ठीक करने का निर्णय लिया गया है।

कथित तौर पर कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की बेंच ने राज्य के वकील एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी से कहा कि जब तक यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो जाता, ''हम आपको कोई और प्रोजेक्ट शुरू नहीं करने देंगे.''

अदालत ओवैस पेचकर द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी।  उन्होंने अदालत से हाईवे पर बने गड्ढों की मरम्मत के लिए निर्देश देने की मांग की, जिससे हादसों की संभावना बनी रहती है।

2018 में भी एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें इसी तरह के निर्देश की मांग की गई थी। उस समय पीठ ने कहा था कि सरकार अपने नागरिकों के लिए जो न्यूनतम काम कर सकती है, वह है गड्ढों से मुक्त सवारी स्थापित करना।

अदालत ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से गड्ढों की मरम्मत के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।  कोर्ट ने राज्य सरकार से इस साल दिसंबर तक राजमार्ग चौड़ीकरण के काम की प्रगति रिपोर्ट मांगी है।

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