अजीत पवार और धनंजय मुंडे ने किया देवेंद्र फड़णवीस को समर्थन
बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना , कांग्रेस और एनसीपी में सरकार बनाने की बात चल ही रही थी तभी 23 नवंबर की सुबह बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने डडिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। इस उलटफेर में धनंजय मुंडे ने अहम रोल अदा किया था।राजनीतिक जानकारों के मुताबिक धनंजय मुंडे ने शपथ ग्रहण के पहले विधायकों को एकजुट किया और अपने घर पर बुलाया था। यहीं से सभी विधायक राज्यपाल के घर पहुंचे और मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई। हालांकी इन सब मामले के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार मीडिया के सामने आए उन्होने कहा की एनसीपी ने बीजेपी को समर्थन नहीं दिया है। मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, ‘एनसीपी का विधायक दल का नेता होने के नाते अजित पवार के पास आंतरिक उद्देश्यों के लिए सभी 54 विधायकों के नाम, हस्ताक्षर और निर्वाचन क्षेत्रों के साथ सूची थी. मुझे लगता है कि उन्होंने यह सूची समर्थन पत्र के रूप में राज्यपाल को सौंपी होगी. अगर यह सच है तो राज्यपाल को भी गुमराह किया गया है”। शरद पवार के काफी दबाव के बाद अजीत पवार ने देवेंद्र फड़णवीस को दूसरी पारी वाली सरकार से इस्तीफा दे दिया।कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर बनाई सरकार
इस बीच शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी का दामन थाम लिया। तीनों ही पार्टियों ने मिलकर राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार बनाई। इस सरकार में जहां शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद मिला तो वही एनसीपी को वित्तमंत्री और गृहमंत्री का पद मिला,कांग्रेस को राजस्व मंत्रालय जैसा भारी भरकम मंत्रालय मिला। इसके साथ ही कांग्रेस के नाना पटोले को विधानसभा का स्पीकर भी बनाया गया।