राज्य में शिवसेना और बीजेपी के बीच सत्ता को लेकर चल रही खिंचतान के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 2 नवंबर को मुंबई आ सकते है। अमित शाह शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज्य में बीजेपी के बड़े नेताओं से भी बात कर सकते है। आपको बता दे की राज्य में शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन में बहुमत मिला है जिसके बाद भी अभी तक राज्य में नए सरकार का गठन नहीं हो पाया है। जहां एक ओर बीजेपी देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में सरकार बनाना चाहती है तो वही दूसरी ओर शिवसेना सत्ता के 50-50 वाले फॉर्मुले पर अड़ी है।
इसके पहले दौरा हुआ रद्द
गृह मंत्री अमित शाह इसके पहले 30 अक्टूबर को मुंबई आनेवाले थे लेकिन शिवसेना के बीच लच रहे तनाव के कारण उन्होने अपना दौरा रद्द कर दिया। अमित शाह की जगह जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव मुंबई पहुंचे। हालांकी दोनों नेताओं के मुंबई आने के बाद भी अभी तक शिवसेना और बीजेपी में कोई भी भागीदारी नहीं बनी है।
दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने राज्यपाल से की मुलाकात
जहां एक ओर राज्य में सत्ता को लेकर अभी तक बीजेपी और शिवसेना में सहमति बनती नहीं दिख रही है तो वही दूसरी ओर दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने अलग अलग राज्यपाल से मुलाकात की थी। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने तो यहा तक कह डाला था की बीजेपी को अपने शब्दो का पालन करना चाहिये और अगर बीजेपी के पास 145 विधायको की संख्या है तो वह सरकार बना ले।
एनसीपी की अहम भूमिका
राज्य में अब एनसीपी का कद काफी बड़ा हो गया है।बीजेपी चाहेगीकी एनसीपी खुलेआम अगर समर्थन नहीं करती है तो कोशिश यह होगी कि एनसीपी वोटिंग का बॉयकॉट कर दे, ताकि बीजेपी के लिए राह आसान हो जाए. एनसीपी के 54 विधायकों के विरोध करने स्थिति में 289 सदस्यीय विधानसभा में 235 सदस्य रह जाएंगे और बहुमत साबित करने को 118 सदस्य ही चाहिए होंगे। इसमें बीजेपी (BJP) के 105 विधायकों के अलावा बीजेपी की कोशिश होगी कि छोटी पार्टियों और निर्दलीय के 13 विधायकों का साथ मिल जाए।
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