हंगामे के साथ शुरु राज्य का शीतकालिन अधिवेशन सत्र

सोमवार से शुरु हुआ राज्य का शीतकालीन सत्र पहले ही दिन हंगामेदार रहा। काॅ. माधवराव गायकवाड के निधन के बाद उनके साथ सरकार की उदासीनता के कारण विपक्षी दलों ने सरकार की जमकर आलोचना की। विपक्षियों का दबाव सरकार पर इतना बढ़ गया की सरकार को विधिमंडल के सदस्यों से मांफी मांगनी पड़ी।

 30 घंटों के बाद भी सरकार ने उनके परिवार से कोई संपर्क नहीं किया

राज्य सरकार की ओर से राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने मांफी मांगी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और नासिक, मनमाड के पूर्व विधायक माधवराव गायकवाड़ का 12 नवंबर को 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। । गायकवाड़ पहले विपक्षी पार्टी के नेता थे। इसलिए गायकवाड़ का सरकारी तरिके से अंतिम संस्कार होना जरूरी था। हालांकि, उनकी मृत्यु के 30 घंटों के बाद भी सरकार ने उनके परिवार से कोई संपर्क नहीं किया था।

सरकार के इस असंवेदनशील मुद्दे पर लापरवाही बरोतने के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। सरकार को आनन फानन में अपनी लाज बचाने के लिए मांफी मांगनी पड़ी।

यह भी पढ़े- शिवसेना ने समृद्धि महामार्ग का विरोध कभी नहीं किया- सुनील प्रभु

अगली खबर
अन्य न्यूज़