चाचा छगन भुजबल को मिली बेल तो भतीजे समीर भुजबल को ईडी ने अटकाया

एनसीपी नेता छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। समीर को पीएमएलए यानी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। इन्होने भी हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। गौरतलब है कि अभी 4 दिन पहले ही 2 साल बाद छगन भुजबल की जमानत अर्जी को हाईकोर्ट ने मंजूर किया है।

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छगन भुजबल 2 साल से थे जेल में 

छगन भुजबल को महाराष्ट्र सदन घोटाला और मनी लांड्रिंग मामले के तहत गिरफ्तार किया गया है। वे पिछले दो साल से जेल में बंद थे। मामले की जांच पूरी हो चुकी है। इसके अलावा उनकी उम्र 71 साल है। इसलिए उनके जमानत आवेदन पर सहानुभूतिपूर्ण तरीके से विचार किया जाए। कोर्ट ने उम्र के तर्क पर भुजबल को जमानत दी है। जेल में करीब दो साल गुजारने के बाद भुजबल को राहत मिली है।

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उम्र को देखते हुए मिली जमानत 

आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के प्रावधानों (जिसमें धारा 45 भी शामिल है) को हटाए जाने के बाद भुजबल ने जमानत की अर्जी दाखिल की थी। इस प्रावधान को ऐक्ट से हटाए जाने के बाद कानून के तहत जेल में बंद लोगों को जमानत मिलना आसान हो गया और इसी मामले 53 लोगन को जमानत भी मिली। साथ ही भुजबल की उम्र भी 71 साल हो गयी है। इसे भी ध्यान में रखते हुए कोर्ट से जमानत विचार करने का निवेदन किया गया था। कोर्ट ने उम्र के तर्क पर भुजबल को जमानत दी है।

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 ईडी ने लटकाया समीर को 

समीर भुजबल ने भी अपनी जमानत को लेकर कोर्ट से गुहार लगाई। लेकिन ईडी ने कोर्ट को बताया कि अभी तक उसने अपना पक्ष कोर्ट में नहीं रखा है। ईडी का पक्ष रखने वाले भारत के एडिशनल सॉलिसिटर अनिल सिंह उपस्थित नहीं थे इसीलिए ईडी अपना पक्ष नहीं रख सकी। इसीलिए माननीय जज महोदय ने समीर की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई में ईडी को अपना पक्ष रखने को कहा है।

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