महाराष्ट्र के राज्यपाल को हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (maharashtra governor bhagat singh koshyari) को उत्तराखंड उच्च न्यायालय (uttrakhand high court) ने एक मामले में नोटिस जारी किया है। हालांकि कोश्यारी ने इस नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दिया है।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिछले साल मई में आदेश दिया था कि, मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद अगर वो सरकारी बंगले (government bungalow) को खाली नहीं करता है तो, उनसे उतने दिन का किराया वसूल किया जाए जितने दिन वे उस बंगले में रहे हो, और यह किराया बाजार भाव पर वसूल किया जाए।

कोश्यारी के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी वे सरकारी बंगले में रहे थे, और जब उनसे किराया वसूल करने का बिल भेजा गया तो, उन्होंने बंगला खाली कर दिया लेकिन किराया नहीं दिया। इसके बाद कोर्ट की अवमानना करने के आरोप में कोश्यारी को अब नोटिस जारी किया गया है।

हालांकि, इस नोटिस के खिलाफ भगत सिंह कोश्यारी (bhagat singh koshyari) की तरफ से उनके वकील ने तत्काल सुप्रीम कोर्ट (supreme court) पहुंचकर, हाई कोर्ट के इस आदेश पर रोक लगाने की अपील की है।

अपनी अपील में कोश्यारी ने यह दावा किया है कि वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल (maharashtra governor) हैं और संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार राष्ट्रपति और राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है। 

साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि, बाजार मूल्य के आधार पर किराया वसूली की बात तर्कहीन है क्योंकि देहरादून जैसे स्थान पर आवासीय क्षेत्र का किराया बहुत अधिक है। भगत सिंह कोश्यारी ने कहा है कि उन्हें इस मामले में अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका दिए बिना ही यह निर्णय लिया गया था।

उच्च न्यायालय ने 2001 के बाद से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले सहित अन्य सुविधाएं लेने को असंवैधानिक करार दिया है।

उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदान किये जाने वाले बिजली, पानी, ईंधन और अन्य सुविधाओं की एक राशि की गणना की जाएगी और इस राशि को सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से भुगतान करने के लिए सूचित किया जाएगा और सूचना मिलने के 6 महीने के भीतर इस राशि का भुगतान करना अनिवार्य होगा।

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