महाराष्ट्र विधान भवन सत्र के आखिरी दिन अफरा-तफरी का माहौल बन गया। विधान भवन की लॉबी में भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच जमकर हाथापाई हुई। गुरुवार से शुक्रवार सुबह तक ऐसी ही स्थिति बनी रही। (NCP(SP) mla Awhad protested outside the police station throughout the night after clash between gopichand Padalkar and Awhad supporters)
विधायक जितेंद्र आव्हाड, जिन्होंने कहा "पडलकर के गुंडों ने विधान भवन में ही मेरे कार्यकर्ता नितिन देशमुख की पिटाई की, हमलावर बाद में भाग गए, लेकिन पुलिस ने मेरे कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया"
आव्हाड ने प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मेरे जीवन में यह पहली बार है कि इस प्रशासन ने सत्ताधारी वर्ग के आगे घुटने टेक दिए हैं। अधिकारियों में आत्मसम्मान नाम की कोई चीज़ नहीं है।" उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी, "जब तक मेरे कार्यकर्ता को रिहा नहीं किया जाता, मैं यहाँ से नहीं हटूँगा।"
वह देर रात तक थाने के सामने बैठे रहे और पुलिस वाहन के आगे बैठकर विरोध प्रदर्शन भी किया। आव्हाड ने इसका वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया।
विवाद की शुरुआत
यह विवाद कुछ दिन पहले भड़क गया था। जितेंद्र आव्हाड ने विधान भवन परिसर में गोपीचंद पडलकर को "मंगलसूत्र चोर" कहा था। इसके बाद कल दोनों आमने-सामने आ गए और दोनों ने एक-दूसरे को गालियाँ दीं और धमकाया। इसके बाद आव्हाड ने उन पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया था।
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