प्याज को लेकर केंद्र सरकार की भूमिका परस्पर विरोधी है: शरद पवार

एनसीपी (NCP) अध्यक्ष और सांसद शरद पवार (sharad pawar) ने महंगी होती प्याज (onion) को लेकर केन्द्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। पवार ने कहा, केंद्र ने आवश्यक वस्तुओं की सूची में प्याज को स्थान नहीं दिया और दूसरी ओर प्याज के आयात और निर्यात को लेकर कार्रवाई कर रही है। केंद्र सरकार की यह भूमिका परस्पर विरोधाभासी है।

शरद पवार ने यह बात अपने नासिक के दौरे के दौरान किसानों से बातचीत के दौरान कही। वे नासिक भुजबल नॉलेज सिटी आडगाँव में प्याज उत्पादकों, किसानों और व्यापारियों के साथ चर्चा की और उनके मुद्दों को समझा।

इस अवसर पर, शरद पवार ने कहा कि न केवल महाराष्ट्र (maharashtra)बल्कि देश में प्याज का अधिकांश उत्पादन नासिक में किया जाता है।  इसलिए, अंतरराष्ट्रीय बाजार में नासिक के प्याज की उच्च मांग है।  इसलिए, अगर इस संबंध में कोई गलत निर्णय लिया जाता है, तो सबसे बड़ा झटका नासिक जिले पर पड़ता है। यदि इन मुद्दों को हल किया जाना है, तो केंद्र को राज्य सरकार के साथ रणनीतिक निर्णय लेने की आवश्यकता है।

उन्होंने आगे कहा, प्याज की कीमत को लेकर केंद्र को राज्य सरकार से कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए क्योंकि आयात (import) और निर्यात (export) नीति केंद्र सरकार द्वारा तय की जाती है। केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की एक सूची जारी की, जिसमें प्याज को शामिल नहीं किया गया है। तो दूसरी तरफ निर्यात को बंद कर आयात किया जा रहा है।

केंद्र की इस कार्रवाई में विरोधाभास है। इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। निर्यात पर लगे प्रतिबंधों और आयात के साथ भंडारण सीमा पर भी केंद्र सरकार के साथ चर्चा की जाएगी।  शरद पवार ने कहा कि व्यापारियों और किसानों के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी

पवार के मुताबिक, हम चाहते हैं कि, किसान को भी दो पैसे मिले। इसलिए, व्यापारियों को बाजार बंद रखने पर निर्णय लेने की आवश्यकता है और हम बाजार समिति में मुद्दों को हल करेंगे। और इसके लिए, किसानों के हितों को लेकर समझौता नहीं करना चाहिए।

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