देश के चार राज्यों में चुनाव खत्म हो चुके हैं। अब लॉकडाउन (Lockdown) पर मोदी सरकार की भूमिका क्या है, टीकाकरण की लागत के साथ क्या करना है? लोग इसका जवाब चाहते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) को इसे देना चाहिए, एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक और अल्पसंख्यकों के लिए मंत्री की मांग करनी चाहिए।
नवाब मलिक (Nawab malik) ने मीडिया से बात करते हुए यह मांग की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले कहा था कि देश में तालाबंदी की जरूरत नहीं है। अब इसमें उनकी क्या भूमिका है? टीके की कीमत से लेकर टीकाकरण तक की आम जनता के मन में बहुत भ्रम है, सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर केंद्र सरकार से भी पूछा है। अब जब चुनाव खत्म हो गए हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका जवाब देना चाहिए।
अकेले प्रधानमंत्री मोदी कोरोना संकट से नहीं लड़ सकते। तब उन्हें देश में स्वास्थ्य आपातकाल लगाना चाहिए। नवाब मलिक ने यह भी मांग की कि देश के सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई जाए और कोरोना संकट से निपटने के लिए एक रणनीति पर काम किया जाए।
साथ ही, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पुनावाला के धमकी भरे मुद्दे पर बोलते हुए, उन्हें यह पता लगाना चाहिए कि देश में टीकों के निर्माण के लिए सीरम और भारत बायोटेक को लाइसेंस देने के बाद कौन उन्हें बदनाम करने की साजिश कर रहा था। जन जागरूकता के कारण बड़ी संख्या में लोग टीकाकरण के लिए बाहर जा रहे हैं। इसलिए, टीकों की उत्पादकता बढ़ाना समय की आवश्यकता बन गई है। सरकार के साथ-साथ वैक्सीन कंपनियों की भी यह जिम्मेदारी है।
पुनावाला ने ट्वीट कर केंद्र को 150 रुपये, राज्य को पहले 400 रुपये और फिर 300 रुपये की दर की घोषणा की। यह सब लोगों के मन में संदेह पैदा कर रहा है। हालांकि, नवाब मलिक ने कहा कि कोई भी उन्हें बदनाम नहीं कर रहा है।
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