मुंबई में कोई मामू और खान महापौर नहीं बनेगा - संजय निरुपम

महाराष्ट्र में हुए नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में शिवसेना पर जनता ने पूरा भरोसा जताया है। चुनावी नतीजों ने साफ कर दिया है कि शिवसेना की ताकत किसी और के सहारे नहीं, बल्कि जनता के समर्थन से है। शिवसेना के उपनेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने मुंबई में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जो विरोधी यह कहते थे कि शिवसेना की ताकत बीजेपी की वजह से है, उन्हें इन नतीजों से करारा जवाब मिला है। उन्होंने कहा कि जहां उबाठा  सिंगल डिजिट से आगे नहीं बढ़ पाया, वहीं एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना इस चुनाव में महाराष्ट्र की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।(No Mamu and Khan will become mayor in Mumbai says Sanjay Nirupam)

मराठी मानूस आज भी शिवसेना के साथ

संजय निरुपम ने कहा कि यह जीत पूरी तरह से शिवसेना के मुख्य नेता और उपमुख्यमंत्री  एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की जीत है। इन नतीजों से यह भी साफ हो गया है कि मराठी मानूस आज भी शिवसेना के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि महायुति की तीनों पार्टियां इस चुनाव में अलग-अलग लड़ी थीं, इसके बावजूद जनता ने एकनाथ शिंदे पर भरोसा जताया। यह जनविश्वास आने वाले समय में शिवसेना को और मजबूती देगा।

बीएमसी चुनाव को लेकर उबाठा गुट और कांग्रेस पर तीखा हमला

शिवसेना के उपनेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने बीएमसी चुनाव को लेकर उबाठा गुट और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनाव में ये पार्टियां भले ही एक साथ न हों, लेकिन जब-जब ये साथ आई हैं, तब मुंबई और महाराष्ट्र ने गंभीर घटनाएं देखी हैं। संजय निरुपम ने आरोप लगाया कि इनके साथ रहने के दौरान साधुओं की हत्या जैसी घटनाएं हुईं, एक व्यापारी के घर के बाहर विस्फोटक मिला और उस समय के गृह मंत्री पर बीयर-बार से वसूली के आरोप लगे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को मुंबई की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। मुंबईकर विकास चाहता है, डर और अराजकता नहीं। संजय निरुपम ने उम्मीद जताई कि आने वाले बीएमसी चुनाव में मुंबई में “ट्रिपल इंजन सरकार” बनेगी, जो केंद्र, राज्य और महानगरपालिका के समन्वय से मुंबई के विकास को नई गति देगी।

मुंबई में कोई मामू और खान नहीं बनेगा महापौर

संजय निरुपम ने उबाठा को घेरते हुए कहा की उद्धव ठाकरे ने बाला साहब के विचारों का खून किया है  जिहादी वोटो के लिए उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के विचारों को त्याग दिया और कांग्रेस से हाथ मिला लिया लेकिन महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें नकार दिया और यह बता दिया की बाला साहब के विचारों के असली वारिस एकनाथ शिंदे है और यह बीएमसी के चुनाव में भी दिखाई देगा।  उबाठा के जिहादी प्यार को  देखते हुए लगता है की उनका प्रयास है की कोई मामू और खान बीएमसी में उनका महापौर बने लेकिन उबाठा का कोई भी मामू और खान नहीं बनेगा महापौर उनके प्रयत्नों को हम पूरा नहीं होने देंगे। 

विधानसभा की तरह महानगरपालिका चुनाव में भी सीट बंटवारा हो

संजय निरुपम ने अपनी भूमिका रखते हुए कहा की महानगरपालिका चुनाव में महायुति एक साथ चुनाव लड़ेगी यह तय है साथ ही यह उम्मीद जताई कि बीएमसी चुनाव में वही सीट बंटवारे का फार्मूला लागू किया जाएगा, जो विधानसभा चुनाव के दौरान तय हुआ था। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने गठबंधन के तहत उन सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था, जहां उसके विधायक थे। उन्होंने कहा कि अब बीएमसी चुनाव में भी शिवसेना की यही मांग है कि जिन वार्डों में उनके नगरसेवक हैं या जो नगरसेवक शिवसेना के साथ आए हैं, उन सभी जगह को शिवसेना को देना चाहिए ताकि महायुति गठबंधन को फायदा हो सके।

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